Gold Coin : जानिए क्या है 2000 हजार साल पुराने ‘इंद्रधनुषी कप’ सिक्के की कहानी, किन्हें मिलता था ये सिक्का

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Gold Coin : जानिए क्या है 2000 हजार साल पुराने ‘इंद्रधनुषी कप’ सिक्के की कहानी, किन्हें मिलता था ये सिक्का

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Gold Coin :  जर्मनी में एक खोजकर्ता को 2000 साल पहले खोई हुई एक दुर्लभ चीज मिली है। यह दुर्लभ चीज ‘इंद्रधनुषी कप’ सिक्का है, जिसे सेल्ट्स द्वारा बनाया गया था। यह सिक्का जर्मनी की राज्य बवेरिया में लेच नदी (Lech River) पर म्यूनिख से लगभग 70 किलोमीटर पर खोजा गया है। इस सिक्के का खोजकर्ता स्टेट आर्कियोलॉजिकल अधिकारियों का सहयोगी है। उसने इस सिक्के को म्यूनिख में बवेरिया स्टेट आर्कियोलॉजिकल कलेक्शन को दान कर दिया।

दिखने में कैसा यह सिक्का?: 

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, यह सिक्का दिखने ने बहुत ही अनोखा है, जिस पर चार नुकीले सितारा डिजाइन बनी हुई है। सिक्के की स्टडी कर रहे स्टेट आर्कियोलॉजिकल कलेक्शन एक अधिकारी बर्नवर्ड जीगौस ने बताया कि ये सिक्के ईसा पूर्व दूसरी या पहली शताब्दी में ढाले गए थे। उन्होंने बताया कि सोने के इस सिक्के में एक तरफ मेहराब से घिरे चार-नुकीले तारों का एक दुर्लभ डिजाइन है। यह अन्य इंद्रधनुषी कप सिक्कों की तरह घुमावदार है। इसकी डिजाइन ही इस सिक्के को बहुत खास बनाती है।

क्यों कहते हैं ‘इंद्रधनुषी कप’ सिक्का?

जीगौस ने बताया, ‘इंद्रधनुषी कप सिक्कों का नाम उस किंवदंती से आया है कि वे सोने की बूंदें हैं, जो इंद्रधनुष के आसमान में दिखना बंद होने के समय धरती पर गिरती हैं। इन सेल्टिक सिक्कों के बारे में एक और किंवदंती है, जो हमें बताती है कि ये सिक्के केवल रविवार को जन्मे हुए बच्चे (भाग्यवान बच्चे) को ही मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि, ‘वास्तव में, खोजकर्ता का जन्म रविवार को हुआ था और इसलिए वह एक भाग्यशाली बच्चा है!’

किन धातुओं से बना है यह सिक्का?

मेटल एनालिसिस से पता चला कि यह सिक्का 77 फीसदी सोना, 18 फीसदी चांदी और 5 फीसदी तांबा से मिलकर बनाया गया। सिक्के का वजन 1.9 ग्राम है।

वहां कैसे पहुंचा होगा यह सिक्का?

हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि यह सिक्का लेच नदी के पास कैसे पहुंचा होगा, लेकिन वह स्थान प्राचीन सड़क से ज्यादा दूर नहीं है. जीगौस ने कहा, ‘यह सड़क उत्तरी इटली में जो अब ट्रेंटो है, वहां से जाती थी और बाद में रोमन सड़क वाया क्लाउडिया ऑगस्टा के रूप में जानी जाने लगी, जो आल्प्स के पार जाती थी. उन्होंने कहा, ‘शायद सिक्का रास्ते में गलती से खो गया हो.’

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