Haryana Primary Schools: हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों को बड़ा झटका, इस बार कम हो गए इतने लाख बच्चे

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Haryana Primary Schools: हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों को बड़ा झटका, इस बार कम हो गए इतने लाख बच्चे

 हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों को बड़ा झटका

प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में इस शिक्षा सत्र में पिछले साल के मुकाबले 1.21 लाख विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई है।


प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में इस शिक्षा सत्र में पिछले साल के मुकाबले 1.21 लाख विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई है। एमआईएस (मैनेजमेंट इन्फाेर्मेंशन सिस्टम) पोर्टल के आधार पर विभाग ने यह डाटा तैयार किया है.। शिक्षा निदेशालय ने सभी 22 जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को संबंधित स्कूलों और विद्यार्थियों की संख्या की सूची भेजकर कम संख्या को लेकर जवाब तलब किया है।

 17 नवंबर तक सभी डीईईओ को जवाब देना है कि पिछले सत्र और इस साल 14 नवंबर, 2023 तक छात्रों की संख्या में इतना अंतर क्यों आया है। विभाग ने यह भी पूछा है कि उनके स्कूल में असल में कितने विद्यार्थी दाखिल हैं और कितने विद्यार्थियों का डाटा एमआईएस पोर्टल पर अपडेट नहीं है। डाटा अपडेट नहीं होने का कारण बताने के साथ-साथ यह भी प्रमाण देना होगा कि उनके जिले में कोई भी बच्चा बगैर एमआईएस पोर्टल के नहीं है।

शिक्षा विभाग ने हर बच्चे का रिकॉर्ड रखने के लिए यह पोर्टल तैयार किया है। इस पर बच्चे का नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, स्वास्थ्य संबंधी सूचना, जाति, छात्रवृत्ति भुगतान के लिए बैंक अकाउंट, उसके माता-पिता की पूरी डिटेल उसके पते सहित भरकर उसे एक यूनिक नंबर जारी किया जाता है। इसे स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नंबर कहते हैं। इसके बाद ही विभाग उसे अपना अधिकृत छात्र मानता है और विभाग की सुविधाओं का लाभ मिलता है।

इस साल (14 नवंबर तक) दाखिलों में कमी

1 अंबाला
32,008
27,906 - 4102

2
भिवानी
39,408
32,404
- 7004

3
चरखी दादरी
13,497
11,186
-2311

4
फरीदाबाद
57,596
50,446
-7150

5
फतेहाबाद
46,801
40,553
-6248

6 गुरुग्राम 62,080
56,181
-5899

7
हिसार
59,575
51,264
-8311

8
झज्जर
22,381
19,768
-2613

9
जींद
47,833
41,178
-6655

10
कैथल
44,599
38,410
-6189

11
करनाल
60,900
52,857
-8043

12
कुरुक्षेत्र
34,639
30,578
-4061

13 महेंद्रगढ़ 24,443
19,975
-4468

14
नूंह
1,42,382
1,37,301
-5081

15
पलवल
64,255
56,712
-7543

16
पंचकूला
29,908
27,120
-2788

17
पानीपत
51,566
45,617
-5949

18
रेवाड़ी
25,234
21,212
-4022

19
रोहतक
25,175
22,103
-3072

20
सिरसा
60,734
52,903
-7831

21
सोनीपत
49,258
43,442
-5816

22
यमुनानगर
47,560
41,783
-5777

कुल
10,41,832
9,20,899
-1,20,933
(नोट : एमआईएस पोर्टल के रिकॉर्ड अनुसार)

दाखिले कम होने के पीछे अध्यापक पोर्टल पर ऑप्शन परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की अनिवार्यता को कारण बता रहे हैं। पीपीपी में बच्चे का नाम उसकी जन्मतिथि उसके आधार कार्ड से ली जाती है। लेकिन बाल वाटिका, प्रथम कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों के आधार कार्ड में उनके नाम की जगह बेबी ऑफ मां या बाप का नाम व मेम्बरों की दर्ज की गई गलत जन्मतिथि के कारण एमआईएस पोर्टल उस फैमिली आईडी से उस बच्चे का नाम नहीं उठा पा रहा है और न ही उस फैमिली आईडी को वेरिफाई कर पा रहा है। काफी संख्या में प्रवासी मजदूरों के पास बच्चों के आधार कार्ड ही नहीं है

दाखिले से नहीं किया जा सकता वंचित

अनिवार्य व निःशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम ( आरटीई ) 2009 के तहत कक्षा एक से आठ तक कोई फीस नहीं ली जाती और न ही डाॅक्यूमेंट्स की कमी के चलते दाखिले से वंचित किया जा सकता है। समय-समय पर शिक्षा विभाग भी चेतावनी देता रहता है। एक्ट के तहत विभाग में ऑफलाइन दाखिले की भी सुविधा है, ऐसे में स्कूल दाखिले तो कर रहे हैं, लेकिन उनका रिकार्ड न होने से वह दाखिले एमआईएस पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रहे हैं।

एमआईएस पोर्टल पर फैमिली आईडी की अनिवार्यता एक बड़ी वजह है। पिछले दो सत्रों से एमआईएस पोर्टल पर फैमिली आईडी की शर्त के चलते काफी परेशानी हुई। जिन बच्चों के नाम बिना पिछले सत्र में पोर्टल पर दाखिल किये थे, उनके नाम आज तक भी सही नहीं हो पा रहे हैं। दाखिला प्रक्रिया में विभाग को बदलाव करना चाहिए

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