India’s First Female IFS Officer: भारत की पहली महिला IFS को कैसे मिली थी नौकरी ? जानकर रह जाओगे हैरान

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India’s First Female IFS Officer: भारत की पहली महिला IFS को कैसे मिली थी नौकरी ? जानकर रह जाओगे हैरान

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India’s First Female IFS Officer: सीबी मुथम्मा ने भारतीय महिलाओं के लिए एक मिसाल क़दम बढ़ाया और उनके लिए सार्थक और महत्वपूर्ण करियर के अवसर खोले। उन्होंने विदेश सेवा में अपनी अद्वितीय प्रतिबद्धता के साथ काम किया और विश्व भर में भारत की प्रतिनिधिता बढ़ाई। उनका संघर्ष और योगदान महिलाओं के अधिकारों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और उन्हें याद किया जाता है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती हैं।

मुथम्मा की जीवनी:
मुथम्मा का जन्म 24 जनवरी 1924 को कर्नाटक के विराजपेट में हुआ था। उनके पिता एक फॉरेस्ट ऑफिसर थे और उनकी मां एक शिक्षिका थीं। मुथम्मा का परिवार शिक्षा को महत्व देता था और उन्होंने बचपन से ही शिक्षा के प्रति अच्छी रुचि रखी।

मुथम्मा की शिक्षा:
मुथम्मा की स्कूलिंग सेंट जोसेफ गर्ल्स स्कूल, मादिकेरी से हुई। उन्होंने अपनी उच्चतर शिक्षा के लिए वुमेन्स क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई से ग्रेजुएशन की और फिर प्रेसिडेंसी कॉलेज, चेन्नई से इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।

मुथम्मा का सिविल सेवा में प्रवेश:
पढ़ाई पूरी करने के बाद, मुथम्मा ने इंडियन सिविल सर्विस एग्जाम देने का फैसला किया। साल 1948 में, वे इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त करके सिविल सर्विस में शामिल हो गईं।

मुथम्मा का योगदान:
मुथम्मा ने अपने सिविल सर्विस के करियर में भारत की बाहरी रिश्तों की दिशा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया। साल 1949 में, उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल होकर देश की पहली महिला आईएफएस अधिकारी बनीं। उन्होंने विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों में काम किया और भारत की दिप्लोमेटिक सेवा में महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वाहन किया।

मुथम्मा ने जेंडर इक्वलिटी के लिए संघर्ष:
मुथम्मा ने अपने करियर के दौरान जेंडर इक्वलिटी (लिंग समानता) के लिए संघर्ष किया और महिलाओं के अधिकारों की समर्थन में अहम भूमिका निभाई। वे एक महिला दिप्लोमेट के रूप में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारत की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि रहीं।

मुथम्मा के पदानुक्रमण:
मुथम्मा की कैरियर में कई महत्वपूर्ण पदानुक्रमण हुए। वे साल 1970 में हंगरी में हाई कमिश्नर (राजदूत) के पद पर नियुक्त हुईं और बाद में नीदरलैंड में भारत की पहली महिला राजदूत बनीं।

मुथम्मा की मृत्यु:
सीबी मुथम्मा का निधन 2009 में हुआ। उनके निधन के बाद भारत सरकार ने उनके योगदान को स्मृति में रखने के लिए अनेक सम्मान और पुरस्कार दिए।

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