India's Most Expensive School: भारत का सबसे महंगा स्कूल, जहां से निकले है कई कई राजनेता, लेखक, आर्टिस्ट और बिजनेसमैन

India's Most Expensive School: 1935 में देहरादून में स्थापित किया गया दून स्कूल उत्तराखंड का ऑल-बॉयज प्राइवेट बॉर्डिंग स्कूल सबसे महंगे स्कूलों में से एक है. ये स्कूल भारतीय महत्वाकांक्षाओं और इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए कलकत्ता के वकील सतीश रंजन दास द्वारा ब्रिटिश पब्लिक स्कूल की तर्ज पर खोला गया था.
इस स्कूल में छात्रों का पहली बार एडमिशन 10 सितंबर 1935 हुआ था. फिर लॉर्ड विलिंग्टन ने ऑफिशियली 27 अक्टूबर 1935 को समारोह की अध्यक्षता की. Arthur E. Foot स्कूल के पहले हैड मास्टर थे जोकि अंग्रेजी के शिक्षक थे. उन्होंने इंग्लैंड के ईटन कॉलेज में साइन्स टीचर के तौर पर 9 साल काम किया.
जनवरी में 7वीं क्लास और अप्रैल में 8वीं क्लास में 12 से 18 साल तक के बच्चे इस स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं. इस स्कूल में एडमिशन एक कॉम्पिटेटिव एग्जाम और इंटरव्यू को पास करके होता था. इस स्कूल में लड़को को हर साल 2 साल के ग्रुप में एडमिशन दिया जाता था. यहां करीब 500 छात्र पढ़ते थे.
26 भारतीय राज्यों के स्टूडेंट्स और 35 विदेशी स्टूडेंट्स मई 2019 तक दून स्कूल में पढ़ रहे थे. इस स्कूल में कैंपस भी है इसलिए यहां के ज्यादातर स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स भी कैंपस में ही रह रहे हैं. यहां के 10 वीं क्लास के छात्र कैम्ब्रिज आईजीसीएसई का एग्जाम देते हैं.
फिर लास्ट के 2 सालों में भारतीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रमाण पत्र का चुनाव कर सकते हैं. भारत के ऐसे कई राजनेता, लेखक, आर्टिस्ट और बिजनेसमैन हैं जिन्होंने दून स्कूल से पढ़ाई की है. इसकी फीस आप स्कूल की ऑफिशयल वेब साइट पर देख सकते हैं.