जानिए क्यों है दो राज्यों की पुलिस एक मजदूर के पीछे, जानिए कैसे मजदूर के खाते में आये 200 करोड़ रूपये

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जानिए क्यों है दो राज्यों की पुलिस एक मजदूर के पीछे, जानिए कैसे मजदूर के खाते में आये 200 करोड़ रूपये

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Viral News: हरियाणा में चरखीदादरी के मजदूर विक्रम के खाते में 200 करोड़ होने में ट्विस्ट आ गया है। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने चुप्पी तोड़ी है। चरखीदादरी पुलिस का कहना है कि मजदूर के खाते में उत्तर प्रदेश के ज्वेलर से अंगूठी खरीदने के नाम पर 60 हजार रुपए का फ्रॉड किया गया। इसीलिए UP पुलिस पूछताछ करने आई थी।

बाढ़ड़ा थाना इंचार्ज कप्तान सिंह ने कहा कि यूपी पुलिस आई थी। हमारी PCR टीम भी उनके साथ गई थी। वहीं मजदूर के खाते में करोड़ों की रकम के दावे के बाद संबंधित बैंक के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। वहीं गुजरात पुलिस की तरफ से अकाउंट फ्रीज कराने को लेकर भी कोई बयान नहीं दिया गया है।


जानिए.. UP में क्या केस दर्ज हुआ?
उत्तर प्रदेश के जालौन निवासी संजय सोनी ज्वेलर हैं। उन्होंने UP पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि फरवरी में उनकी किसी से बात हुई थी। उससे अंगूठी खरीदने को लेकर सौदा हुआ। इसके बाद एक बैंक खाते में 60 हजार रुपए डलवा लिए गए। हालांकि उन्हें अंगूठी नहीं भेजी गई। मोबाइल नंबर से फ्रॉड करने की शिकायत पुलिस को दर्ज करा दी।

मजदूर विक्रम तक कैसे पहुंची UP पुलिस?
ज्वेलर संजय सोनी की शिकायत के बाद UP पुलिस ने बैंक अकाउंट की जांच की। जिसमें बैंक से रिकॉर्ड निकलवाने पर पता चला कि वह आधार कार्ड पर खोला गया है। यह आधार कार्ड मजदूर विक्रम का है। उसमें दिए एड्रेस के आधार पर UP पुलिस यहां पूछताछ करने पहुंची। मजदूर विक्रम का कहना है कि पटौदी की एक कंपनी ने उसे नौकरी पर रख खाता खुलवाने के लिए डॉक्यूमेंट लिए थे। हालांकि बाद में उसे कहा कि खाता रद्द हो गया। उसे शक है कि यही वह खाता है।

UP पुलिस विक्रम को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई?
असल में बैंक अकाउंट जरूर विक्रम के नाम पर है लेकिन फ्रॉड मोबाइल नंबर के जरिए हुआ है। विक्रम व उसके चचेरे भाई प्रदीप का दावा है कि वह नंबर विक्रम का नहीं है। जिस नंबर से फ्रॉड किया गया, पुलिस उसे पकड़े। बैंक अकाउंट भी विक्रम ने नहीं खुलवाया और उससे जुड़े नंबर भी विक्रम के नहीं हैं। यही बात विक्रम के रिश्तेदारों ने कही। जिसके बाद UP पुलिस को पूछताछ कर वापस लौटना पड़ा।

मजदूर 200 करोड़ का दावा क्यों कर रहा?
विक्रम का कहना है कि उसे बैंक अकाउंट के बारे में कुछ पता नहीं था। 2 सितंबर को जब यूपी पुलिस आई तो उसने उनसे अकाउंट नंबर ले लिया। इसके बाद वह बैंक गए। जिसके बाद फोन पर भी पता किया। इसके बाद उन्हें पता चला कि इस खाते में करोड़ों रुपए हैं।

गुजरात पुलिस ने अकाउंट फ्रीज क्यों कराया?
इस सवाल का अभी स्पष्ट जवाब नहीं है। बैंक अधिकारी इस बारे में बात नहीं कर रहे। हां, बैंक कर्मचारी ये जरूर कह रहे हैं कि इसी खाते से गुजरात की कंपनी से फ्रॉड हुआ। उनसे भी कुछ लेन-देन का चक्कर है। कंपनी ने गुजरात पुलिस को शिकायत दी तो उसके बाद खाते को फ्री करा दिया गया। हालांकि इसमें कितनी रकम जमा है, इसके बारे में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है।
 

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