Model Murder: दिव्या पाहुजा मर्डर केस में बहन ने की ये मांग, पुलिस पर उठाए सवाल

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Model Murder: दिव्या पाहुजा मर्डर केस में बहन ने की ये मांग, पुलिस पर उठाए सवाल

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हरियाणा के गुरुग्राम में गैंगस्टर संदीप गाडोली की मॉडल गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा मर्डर केस में लाश वाले रहस्य से 7 दिन बाद भी पर्दा नहीं उठ पाया है। लाश को ठिकाने लगाने वाले बलराज गिल और रवि बांगा दोनों की तलाश में गुरुग्राम पुलिस की टीमें हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में छापेमारी कर रही हैं। इस बीच दिव्या की बहन नैना पाहुजा ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

नैना ने कहा कि गुरुग्राम पुलिस की कार्यशैली बिल्कुल ठीक नहीं है। इतने बड़े मर्डर केस में पुलिस किस तरीके से जांच और केस को ट्रेस आउट करने की कोशिश कर रही है, ये इसी से पता चलता है कि जो सबूत 2 और 3 जनवरी को क्राइम ब्रांच को लेने चाहिए थे वो सबूत पुलिस वाले आज हमसे ले रहे हैं। नैना का कहना है कि दिव्या का सैमसंग वाला फोन बरामद हो चुका है। I-PHONE अभी गायब है।

दिव्या की बहन नैना पाहुजा शुरू से ही इस केस में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। नैना ने घटना वाली रात पुलिस द्वारा समय पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया था।

दिव्या की बहन नैना पाहुजा शुरू से ही इस केस में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। नैना ने घटना वाली रात पुलिस द्वारा समय पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया था।

आई-फोन में यूज होने वाली एपल ID को पुलिस ने सोमवार को उनसे मांगा था। ये अपने आप में हैरान करने वाला है कि पुलिस किस तरह से जांच कर रही है। पुलिस की लापरवाही के कारण ही आरोपी मेरी बहन की लाश को ठिकाने लगाने में कामयाब हो गए। 7 दिन बीत जाने के बाद भी उनकी बहन की लाश का पता नहीं लगाया जा सका है। नेना ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से उनकी बहन के मर्डर केस की जांच CBI से कराने की मांग की है।

मेरी बहन-ब्लैकमेलर नहीं थी
नैना पाहुजा ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले अभिजीत सिंह द्वारा दिव्या पर लगाए ब्लैकमेलिंग के आरोपों पर भी सफाई दी। नैना ने कहा- मेरी बहन ने कभी किसी को ब्लैकमेल नहीं किया। वो ब्लैकमेलर नहीं थी। उसे अभिजीत ने साजिश के तहत मारा है। अभिजीत बहुत शातिर आदमी है। उसके बारे में कहा जा रहा है कि वो नशेड़ी है वो साइको है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, वो बहुत शातिर आदमी है।

दिव्या पाहुजा 7 साल बाद 25 जुलाई 2023 को जमानत मिलने के बाद मुंबई की जेल से छूटी थी। उस पर उसके बॉयफ्रेंड गैंगस्टर संदीप गाडोली के कत्ल में शामिल होने का आरोप था। इस केस में दिव्या चश्मदीद भी थी। क्योंकि 2016 में जब गुरुग्राम पुलिस ने संदीप गाडोली का एनकाउंटर किया तो वह उसके साथ होटल में ही थी।

दिव्या पाहुजा 7 साल बाद 25 जुलाई 2023 को जमानत मिलने के बाद मुंबई की जेल से छूटी थी। उस पर उसके बॉयफ्रेंड गैंगस्टर संदीप गाडोली के कत्ल में शामिल होने का आरोप था। इस केस में दिव्या चश्मदीद भी थी। क्योंकि 2016 में जब गुरुग्राम पुलिस ने संदीप गाडोली का एनकाउंटर किया तो वह उसके साथ होटल में ही थी।

हत्याकांड के 6 किरदार, 4 अरेस्ट, दो फरार
दिव्या पाहुजा हत्याकांड में अभी तक 6 लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह के अलावा ओमप्रकाश व हेमराज को गिरफ्तार कर लिया था। अभिजीत ने दिव्या को गोली मारी थी। जिसके बाद होटल सिटी पॉइंट के ही नौकर हेमराज और ओमप्रकाश ने लाश को घसीटकर होटल से बाहर निकाला था।

इस मामले में लाश को ठिकाने लगाने वाले बलराज गिल और रवि बांगा अभी फरार हैं। इसके साथ ही सोमवार को इस मामले में चौथी गिरफ्तारी अभिजीत की गर्लफ्रेंड मेघा की हुई। वह कत्ल के बाद अभिजीत के बुलाने पर गुरुग्राम के होटल सिटी पॉइंट आई थी। मेघा ने ही दिव्या का I-PHONE और पिस्टल के अलावा अन्य अहम सबूत नष्ट करने में अभिजीत की मदद की।

मेघा की उम्र महज 20 साल है। युवती पोर्टर नामक ऐप चलाती है। ये ऐप फूड डिलीवरी का काम करती है। इसी के जरिए उसकी होटल मालिक अभिजीत से बातचीत शुरू हुई थी। अभिजीत की चकाचौंध वाली जिदंगी देख मेघा उसकी गर्लफ्रेंड बन गई। मेघा दो दिन के पुलिस रिमांड पर है। वहीं, बलराज और रवि बांगा अभी फरार हैं।

होटल में गोली मारकर हत्या
बता दें कि गुरुग्राम के बलदेव नगर की रहने वाली दिव्या पाहुजा (27) होटल सिटी पॉइंट के मालिक अभिजीत के साथ 1 जनवरी को घूमने गई थी। फिर अभिजीत और एक अन्य के साथ 2 जनवरी की सुबह 4:15 बजे वह गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल वापस पहुंची थी। यहां वे कमरा नंबर-111 में गए।

अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या के पास उसकी कुछ अश्लील तस्वीरें थीं, जिसकी आड़ में वह उसे ब्लैकमेल कर रही है। होटल में दिव्या ने उसे मोबाइल का पासवर्ड नहीं दिया। जिसकी वजह से उसकी फोटो डिलीट करने को बहस हुई। जिसके बाद उसने दिव्या को गोली मार दी।

इसके बाद अभिजीत सिंह ने अपने दोस्त बलराज गिल और रवि बांगा को बुलाया। उन्हें 10 लाख रुपए, BMW कार दी और दिव्या की लाश ठिकाने लगाने के लिए सौंप दी। 3 जनवरी को पुलिस ने कार को पंजाब के पटियाला से बरामद कर लिया, लेकिन आज तक दिव्या की लाश और उसके ठिकाने लगाने वाले बलराज और रवि का पता नहीं चल पाया है।

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