Success Story: पिता का सपना पूरा करने के लिए बेटी ने अपना सपना छोड़ा, जानिए इस आईएएस अधिकारी की संघर्ष की कहानी
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Success Story: मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के (ग्राम बांगड़ी कपीरी पट्टी) की मूल निवासी हैं. मुद्रा का परिवार दिल्ली में रहता है. इसका कारण मुद्रा ने द्वारिका मॉडल पब्लिक स्कूल दिल्ली से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. इसके बाद दिल्ली से ही ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मुंबई के मेडिकल कॉलेज में एमडीएस में दाखिला लिया और गोल्ड मेडल हासिल किया.
मुद्रा गैरोला के पिता चाहते थे कि वह आईएएस अफसर बनें. बस फिर क्या था? इस बात को जेहन में बिठाते हुए उन्होंने अपना ध्यान यूपीएससी की परीक्षा में लगाया और डॉक्टरी छोड़कर तैयारी शुरू कर दी. साल 2018 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा दी. इसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं थीं. इसके बाद 2019 में फिर से यूपीएससी इंटरव्यू दिया. इस बार भी उनका फाइनल सिलेक्शन में नहीं हुआ. जबकि 2020 में वह मेन्स एग्जाम क्रैक नहीं कर सकी थीं.
हार न मानते हुए आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला ने साल 2021 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उनकी मेहनत थोड़ी रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी पास किया और आईपीएस बन गईं. हालांकि उन्हें आईएएस से कम कुछ मंजूर नहीं था. साल 2022 में 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर करके वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं.
मुद्रा के पिता अरुण गैरोला ने बताया कि साल 1972 में किरण वेदी पहली महिला आईपीएस बनी थीं, जिनसे वह काफी प्रभावित थे. इस कारण उन्होंने 1973 में यूपीएससी का पहला पेपर दिया. इसमें वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन उनका सलेक्शन नहीं हो सका था. साथ ही बताया कि उस समय तीन ही अटेम्प्ट मिला करते थे, लेकिन उनमें उनको सफलता नहीं मिल सकी. मुद्रा को लेकर कहा कि उनका सपना उनकी बेटी ने पूरा किया है. वह बहुत खुश हैं.
बता दें कि मुद्रा मुद्रा गैरोला इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव हैं. उन्होंने 31 दिसंबर 2023 को भारत दर्शन की फोटो शेयर की थी. साथ ही नए साल पर एरिया डोमिनेशन पिक्चर शेयर की थी.