हरियाणा : नूंह में बनाया गया अजूबा घर; सड़क के बीचो-बीच बनाया मकान
हरियाणा के नूंह जिले के पैमाखेड़ा में मस्जिद के पास बने एक अजूबा घर की इन दिनों खासी चर्चा है. सोशल मीडिया पर इस घर की तस्वीर वायरल हो रही है और दावा किया जा रहा है कि इसे सड़क के बीच अवैध कब्जा कर बनाया गया है. दरअसल, जहां पर ये घर बनाया गया है, वहां पर नीचे से सड़क गुजर रही है और ऊपर स्लैब डालते हुए दो मंजिला मकान बनाया गया है. सड़क को अब तक बंद नहीं किया गया है और टनल की तरह स्पेस छोड़ दी गई है. इस अजूबा घर की तस्वीर वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि यहां पर अवैध कब्जा कर ये घर बनाया गया है.
घर के मालिक और मस्जिद के कर्मचारी ने साफ किया है कि ये मकान और रास्ता निजी जमीन पर बना हुआ है. निर्माण करते समय ही कोई ऐतराज दर्ज कराता या शिक़ायत कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सबको पता है कि ये उनकी निजी जमीन है. सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद मकान के मालिक मोहम्मद इंसाफ ने बताया कि ये अवैध निर्माण नहीं है और मस्जिद के साथ उसका खेत है और उसी का घर है. यहां किसी तरह का कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया है.
मस्जिद में काम करने वाले कर्मचारी मोहम्मद शाहिद ने बताया कि वो मस्जिद में रहते हैं. जिस जगह को लेकर बात हो रही है, वो निजी जमीन है. उन्होंने बताया कि ये पंचायती जमीन या रास्ता नहीं है और मस्जिद अलग जमीन पर बनी है. ये इन भाइयों का अलग रास्ता है और उनके पास कागजात हैं. जो बातें फैलाई जा रही है, वो गलत है. पंचायत की ज़मीन से इसका कोई लेना-देना नहीं है. वहीं एसडीएम संजय धत्तरवाल ने इस मामले पर मीडिया से ऑन कैमरा बात करने से इंकार कर दिया और कहा कि उनके संज्ञान में मामला नहीं है.
घर के मालिक और मस्जिद के कर्मचारी ने साफ किया है कि ये मकान और रास्ता निजी जमीन पर बना हुआ है. निर्माण करते समय ही कोई ऐतराज दर्ज कराता या शिक़ायत कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सबको पता है कि ये उनकी निजी जमीन है. सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद मकान के मालिक मोहम्मद इंसाफ ने बताया कि ये अवैध निर्माण नहीं है और मस्जिद के साथ उसका खेत है और उसी का घर है. यहां किसी तरह का कोई अवैध निर्माण नहीं किया गया है.
मस्जिद में काम करने वाले कर्मचारी मोहम्मद शाहिद ने बताया कि वो मस्जिद में रहते हैं. जिस जगह को लेकर बात हो रही है, वो निजी जमीन है. उन्होंने बताया कि ये पंचायती जमीन या रास्ता नहीं है और मस्जिद अलग जमीन पर बनी है. ये इन भाइयों का अलग रास्ता है और उनके पास कागजात हैं. जो बातें फैलाई जा रही है, वो गलत है. पंचायत की ज़मीन से इसका कोई लेना-देना नहीं है. वहीं एसडीएम संजय धत्तरवाल ने इस मामले पर मीडिया से ऑन कैमरा बात करने से इंकार कर दिया और कहा कि उनके संज्ञान में मामला नहीं है.