शहीदों का शौर्य बच्चे-बच्चे को याद कराएंगे हम: धनखड़

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शहीदों का शौर्य बच्चे-बच्चे को याद कराएंगे हम: धनखड़

शहीदों का शौर्य बच्चे-बच्चे को याद कराएंगे हम: धनखड़


शहीदों का शौर्य बच्चे-बच्चे को याद कराएंगे हम: धनखड़

: कांग्रेस ने हमेशा शहीदों के सम्मान को ठुकराया, उनकी प्राथमिकता इंदिरा-राजीव गांधी रहे

: वीरों के प्रति सम्मान की परंपरा निभाना हमारा फर्ज: ढांडा

: कलायत में हजारों नागरिकों के साथ पदयात्रा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष-राज्यमंत्री ने की कदमताल

कलायत। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि शहीदों का बलिदान, उनका शौर्य और उनकी विचारधारा हमें बच्चे-बच्चे को याद करानी है, ताकि वो देश के गौरवशाली इतिहास और शहादत की गम्भीरता को समझें। उन्हें जानना होगा कि कैसे कांग्रेस ने हमेशा शहीदों का अपमान करते हुए इंदिरा-राजीव गांधी को प्राथमिकता दी और अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके गांव तक सम्मान पहुंचाने की परंपरा शुरू की। 
महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा स्थानीय विधायक कमलेश के आमंत्रण पर विधानसभा स्तर पर आयोजित शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा वीरों की धरती है और जब बलिदान की बात आती है तो हरियाणा के जवान सबसे आगे होते हैं। वो जवान तिरंगे के सम्मान में अपना बलिदान देते हैं। उन्होंने शहीदों के प्रति कांग्रेस की असम्मान की भावना का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने शहीदों के इतिहास को हमेशा ठुकराया है और केवल इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक के इतिहास को थोपने का काम किया। हमारा भारत अखंड है, क्योंकि सरदार पटेल ने इसे एकता की विचारधारा से सींचा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विचारधारा पर राष्ट्रीयता एवं शहीदों के सम्मान की भावना को जमीनी आधार देने का काम अटल बिहारी वाजपेयी शासन के दौरान हुआ। उनके कारण हमारे शहीदों के पार्थिव शरीर उनके गांव तक पहुंचने की परंपरा शुरू हुई। शहीद का सम्मान उनकी प्राथमिकता थी। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हम आजादी के इतिहास को भूलने नहीं देंगे। हम प्रदेश के एक-एक बच्चे को याद कराएंगे कि सरफरोशी की तमन्ना किसने गाया था। हम हर शहीद के सम्मान को बार-बार याद दिलाएंगे। आज यहां से सबको शहीदों का शौर्य और उनकी सोच युवाओं के अंदर ले जाने की विचारधारा को मजबूती से आगे बढ़ाने का संकल्प लेना है। 
कार्यक्रम संयोजक महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कलायत के कोने-कोने से आए हजारों नागरिकों के जोश और उत्साह को सराहना करते हुए कहा कि यह कलायत विधानसभा के लोगों की ताकत है, जो शहीदों के सम्मान में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें वीरों के प्रति सम्मान की परंपरा निभाने का फर्ज अदा करना है। भाजपा महज एक राजनीतिक संगठन नहीं है, अपितु अपने देश के प्रति समर्पित होकर, देश के विकास, यहां रहने वाले लोगों के उत्थान, यहां की सामाजिक, परंपराओं को सहेजने में विश्वास रखने वाला परिवार है। आज हम सब अपने देश की आन, बान, शान को बढाने में अपना सबकुछ, अपना जीवन न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान में एकत्रित हुए हैं।
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि शहीदों के सम्मान में यह तिरंगा यात्रा एक आगाज है, ताकि हमारे युवा शहीदों के प्रति अपनी सोच को बदले और उनके प्रति मन में सम्मान की भावना लाएं। शहीदों के सम्मान में यह तिरंगा यात्रा एक बिगुल है, ऐसे लोगों की नकारात्मक विचारधारा के खिलाफ। जो देश के प्रति सम्मान नहीं रखते, जो हमारे शहीदों के प्रति सम्मान का भाव नहीं रखते।
राज्यमंत्री ढांडा ने कहा कि यह देश हमारा है और इस देश के लिए अपने सपने, अपने घर-परिवार को दांव पर लगाने वाले हर उस ज्ञान और अज्ञात भारतीय नागरिक की शहादत को हमें भूलना नहीं है। आज कुछ लोगों को ऐतराज है कि भाजपा तिरंगा यात्रा क्यों निकालती है।आज मैं कहना चाहती हूं कि यह हमारा देश है और अपने देश, अपने समाज, अपने इलाके का मान-सम्मान बढाने वाले शहीद, उनके परिवार वालों के सम्मान में हमें खडे होने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने आह्वान किया कि शहीद व उनके परिवार हम सभी की धरोहर हैं। जिस प्रकार उन्होंने देश की सीमाओं पर सीना चौडा करके रक्षा करने का फर्ज निभाया है। उसी प्रकार हमें भी अपने आसपास शहीद व उनके परिवार के प्रति सम्मान दर्शाने का फर्ज निरंतर निभाना है। उन्होंने युवाओं से, अपने देश, समाज के लिए वह कमर कस लें। उन्होंने कहा कि आप युवा हो, देश के भविष्य के निर्माता हो। इसलिए आज आप सभी संकल्प लें कि असामाजिक ताकतों द्वारा देश के खिलाफ जिस विचारधारा का प्रचार-प्रसार छोटे-मोटे लालच देकर करने की कोशिश की जा रही है, उसे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दें। शहीद तिरंगा यात्रा अनाज मंडी से चलकर कैंची चौक होते हुए महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन तक पहुंची, जिसमें हजारों नागरिकों ने शिरकत करते हुए भारत माता की जयकारे से कस्बे को गुंजायमान रखा।

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