जो लोग बुरी संगत में रहते हैं, उन्हें अपने आत्मविश्वास में कमी होती है। यह उन्हें अन्य लोगों के साथ अच्छे रिश्तों को बनाए रखने में बाधित कर सकता है। जिन लोगों में अहंकार हो वो तरक्की को रोक सकता है, क्योंकि अन्य लोगों की रायों को नजरअंदाज करता है और सुनने के लिए तैयार नहीं रहता।
चाणक्य नीति के अनुसार, धन का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। यह न केवल व्यक्ति की तरक्की में मदद करता है, बल्कि समाज में भी सही प्रकार का योगदान करने में सहारा प्रदान करता है। धन को गलत कार्यों में लगाने वाला व्यक्ति खुद को बड़ा बनाने के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
गुस्सा एक नकारात्मक भावना है जो व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे निरंतर गुस्साएं रखने से उसका विचारशीलता और सोचने की क्षमता कम हो सकती है। यह उसे अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाने में बाधित कर सकती है और सकारात्मक सोच को कमजोर कर सकती है।
समाज में समानता का महत्वपूर्ण होना चाहिए। सभी को एक समान दृष्टिकोण से देखना और समानता के लिए काम करना हमें समृद्धि और सुखी जीवन में मदद कर सकता है। यदि हम सभी में समानता को स्वीकार करते हैं, तो अभिमान की आदतें समाप्त हो सकती हैं और विश्वास का माहौल बना रह सकता है।