हथिनी कुंड बैराज: 72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा पानी, हरियाणा-यूपी की नहरें बंद, जलस्तर पौने 2 लाख क्यूसेक पार।

(K9 Media)
हिमाचल में हो रही भारी बरसात की वजह से यमुना नदी उफान पर है। हरियाणा के यमुनानगर में बने हथिनी कुंड बैराज पर गुरुवार सुबह नदी का जलस्तर 1 लाख 82 हजार 297 क्यूसेक पर पहुंच गया। इस मानसून में यमुना नदी का ये अब तक का सबसे अधिक जलस्तर है। नदी में बहुत ज्यादा पानी आने की वजह से हथिनी कुंड बैराज से यूपी और दिल्ली के लिए निकलने वाली नहरों को बंद कर सारा पानी दिल्ली की तरफ डाइवर्ट कर दिया गया। यह पानी अगले 72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा।
हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर बुधवार रात से बढ़ना शुरू हुआ। गुरुवार सुबह 6 बजे यहां पानी का इनफ्लो 70 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंचते ही यूपी और नई दिल्ली के लिए जाने वाली दोनों नहरें बंद कर दी गईं। साथ ही सारा पानी यमुना नदी में छोड़ दिया गया। यमुना में पानी छोड़ने से पहले हरियाणा और यूपी के उन जिलों में अलर्ट भी कर दिया गया जो नदी के किनारे लगते हैं।
लगातार बढ़ रहा जलस्तर
उत्तराखंड और हिमाचल की पहाड़ियों से निकलकर यमुना नदी हरियाणा के यमुनानगर में मैदानी इलाके में उतरती है। यहीं हथिनी कुंड बैराज बना है। इस बैराज से यमुना का पानी दो बड़ी नहरों- वेस्टर्न यमुना कैनाल और ईस्टर्न यमुना कैनाल में डाइवर्ट किया जाता है। यह नहरें यूपी, हरियाणा और नई दिल्ली जाती हैं। गुरुवार सुबह 6 बजे हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 70 हजार क्यूसेक क्रॉस करते ही दोनों नहरों को बंद कर बैराज से सारा पानी दिल्ली की ओर डाइवर्ट कर दिया गया।
बैराज के सारे गेट खोले जाने के बाद भी यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक यमुना नदी में पानी बढ़कर 1 लाख 91 हजार 698 क्यूसेक तक पहुंच गया। यह पानी यमुनानगर से करनाल, पानीपत और सोनीपत होते हुए अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा। नदी में पानी बढ़ने से इसके सीमावर्ती जिलों में अलर्ट कर दिया गया है।
2.50 लाख क्यूसेक पानी पर बाढ़
यमुना नदी में पानी का लेवल 70 हजार क्यूसेक पहुंच जाने पर मिनी फ्लड घोषित किया जाता है। वाटर लेवल 70 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंचते ही फ्लड घोषित कर यूपी और हरियाणा जाने वाली नहरें बंद करके सारा पानी दिल्ली की तरफ यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है। अगर यमुना नदी का जलस्तर 2 लाख 50 हजार क्यूसेक पर पहुंच जाए तो मैदानी इलाकों में खेतों और गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है।
2 लाख क्यूसेक के पास पहुंचा जल स्तर
अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है, उसके बाद नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। नदी का वाटर लेवल 2 लाख क्यूसेक को क्रॉस करने की तरफ बढ़ रहा है। इसी वजह से नदी से लगते सभी जिलों में प्रशासन को सावधान रहने के लिए कहा गया है।