Monsoon Skin Problems : बारिश के मौसम में न खाएं ये 4 चीजें

Monsoon Skin Problems: बारिश के मौसम में न खाएं ये 4 चीजें, नहीं तो चेहरे पर हो जाएंगे फुंसी-पिंपल्स
खाने का हमारी स्किन से बहुत गहरा नाता होता है। हम जो भी आहार लेते हैं, उसका सीधा असर त्वचा पर दिखाई देता है। उदाहरण के लिए ताजे फल और सब्जियां स्किन को हेल्दी एंड ग्लोइंग लुक देने में मदद करते हैं। हालांकि, मॉनसून के मौसम में कुछ चीजें डायट से बाहर करने में ही भलाई होती है, नहीं तो इससे स्किन पर बुरा असर हो सकता है।
बारिश से मौसम में घुली ठंडक कई तरह के पकवान खाने की चाह मन में जगा देती है। हालांकि, हर सीजन अपने साथ कुछ ऐसे बदलाव लाता है, जिसके अनुसार कइयों का शरीर ढल नहीं पाता। इससे होता ये है कि ये चीजें बॉडी पर रिएक्ट कर जाती हैं और अक्सर स्किन प्रॉब्लम्स के रूप में सामने आती हैं। अगर आप अपनी स्किन पर फुंसी और उससे होने वाले दाग नहीं चाहतीं, तो बेहतर है कि मॉनसून में कुछ चीजों को खाना अवॉइड ही करें। ये कौन सी चीजें हैं? चलिए जानते हैं।
दूध पीना ठीक है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन हॉर्मोन्स पर असर डाल सकता है। खासतौर से बारिश के मौसम में, जब ठंडक के कारण पाचन वैसे ही तुलनात्मक रूप से धीमा रहता है। हॉर्मोन्स बहुत जल्दी स्किन पर असर डालते हैं। ऐसे में इनके प्रभावित होने पर चेहरे पर एक्ने और पिंपल्स आने में देरी नहीं लगती है।
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड
ऐसे फूड जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, वो स्किन इन्फ्लेमेशन का कारण बनते हुए पिंपल्स को जन्म दे सकते हैं। इससे स्किन रैशेज भी हो सकते हैं। हाई ग्लाइसेमिक फूड्स में केक,चॉकलेट, स्वीट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, कोल्डड्रिंग, सफेद ब्रेड, आलू, सफेद चावल आदि जैसी चीजें शामिल हैं।
फ्राइड फूड
बारिश में पकौड़े जैसी चीजें खाने का मजा ही अलग है। हालांकि, ये कई स्टडीज में भी प्रूव हो चुका है कि ज्यादा तला हुआ खाना स्किन को डैमेज करते हुए पिंपल्स का कारण बन सकता है। ऐसे में बेहतर यही है कि मॉनसून में तली व ज्यादा मसाले वाले फूड आइटम्स को कम ही खाया जाए।
पालक
पालक आयरन रिच पत्तेदार सब्जी होती है। ये आंखों के लिए तो अच्छी होती है, साथ ही में इससे हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है। हालांकि, बारिश में इसे ज्यादा खाना एक्ने की समस्या को जन्म दे सकता है। ऐसा इसमें मौजूद आयोडिन की मात्रा के कारण होता है। अगर ये सब्जी आपकी फेवरिट भी है, तो भी कंट्रोल करें तो बेहतर है।