युवक के इलाज में बरती गई लापरवाही, डॉक्टर को ......

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युवक के इलाज में बरती गई लापरवाही, डॉक्टर को ......

युवक के इलाज में बरती गई लापरवाही, डॉक्टर को ......


(K9 Media) 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिषोध आयोग ने मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने पर प्रयागराज के चिकित्सक को पांच लाख क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिषोध आयोग ने मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने पर प्रयागराज के चिकित्सक को पांच लाख क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। वादी को एक महीने के अंदर रकम न देने पर छह प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ धनराशि अदा करने का भी निर्देश दिया। 

ज्ञानपुर के चकटोडर रणधीर नगर निवासी दिनेश कुमार सिंह ने परिवाद दाखिल किया था कि सितंबर 2020 में उनकी तबियत खराब हुई। इलाज कराने के लिए विपक्षी डॉ. विनय स्वरूप निवासी सीवाई चिंतामणि रोड प्रयागराज के यहां गया। 24 सितंबर 2020 को 400 रुपये चार्ज लेकर उसे देखा और लेटरपैड पर कुछ दवाएं लिखकर दी।

दवा खाते गए और मर्ज बढ़ती गई

दवाएं खाने के बाद उसकी तबियत और खराब होने लगी। 29 सितंबर को क्लीनिक पर जाकर अपनी परेशानी बताई तो कैल्शियम की एक और कैप्सूल खाने की सलाह दी गई। उक्त दवा का सेवन करने पर तबियत और भी गंभीर हो गई। उसके बाद बेटे के साथ 12 अक्टूबर 2020 को पीजीआई लखनऊ गया। जहां चिकित्सक ने हाईपर कैल्शिमियां बीमारी बताई। इसके लिए कैल्शियम के कैप्सूल का ओवरडोज बताया गया।

परिवादी ने 25 मार्च 2021 को डाक के माध्यम से चिकित्सक को नोटिस भेजा, जिसका जवाब नहीं दिया गया। इससे परिवाद मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हुआ। लखनऊ की जांच और इलाज में करीब डेढ़ लाख खर्च किया और अब भी उपचार चल रहा है। परिवादी ने कई जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत किया है। जिसमें यह पाया गया कि कैल्शियम की गोली अधिक खाने से उसकी तबियत खराब हुई।

विपक्षी चिकित्सक ने बिना रक्त जांच कराए ही दवाओं का सेवन करने के लिए कहा। आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार डे, सदस्य दीप्ति अग्रवाल और विजय बहादुर सिंह ने चिकित्सक डॉ. विनय स्वरूप के खिलाफ उपचार पर खर्च तीन लाख और मानसिक एवं शारीरिक क्षति पर दो लाख क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया।
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