Supertech Twin Tower: एक दशक से अधिक समय तक लड़ी सोसायटी के लोगों ने लड़ाई, क्या है पूरा विवाद?

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Supertech Twin Tower: एक दशक से अधिक समय तक लड़ी सोसायटी के लोगों ने लड़ाई, क्या है पूरा विवाद?

Supertech Twin Tower: एक दशक से अधिक समय तक लड़ी सोसायटी के लोगों ने लड़ाई, क्या है पूरा विवाद?


(K9 Media) नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। Supertech Twin Tower Demolition नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर अब कुछ ही घंटे में पलक झपकते ही धराशायी हो जाएंगे। इन दोनों टावरों के नाम एपेक्स और सियान (Apex and Ceyane Tower) हैं। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा है। सियान 29 मंजिल का है और करीब 95 ऊंचा है।

अवैध तरीके से बनाए गए इन टावरों को सुप्रीम कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया है। इसके लिए सोसायटी के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। जिसमें आखिरकार उनकी जीत हुई। आइए जानते हैं अखिर क्या है पूरा विवाद? 

आखिर क्या है पूरा विवाद?

यह मामला पूरे डेढ़ से ज्यादा पुराना है। वर्ष 2004 से 2006 के बीच मेसर्स सुपरटेक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा भूखंड संख्या जीएच-4, सेक्टर 93ए में 54,820 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई।

नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर 93ए में सुपरटेक को ग्रुप हाउसिंग का प्लॉट नंबर-4 एमराल्ड कोर्ट को आवंटित किया। एमराल्ड कोर्ट में प्रजोक्ट के 14 टावर का नक्शा पास किया गया। ये टावर ग्राउंड फ्लोर के साथ 9 मंजिल के थे। बाद में संसोधन करके इन्हें 11 फ्लोर कर दिया गया। इसके बाद टावर 15 का भी नक्शा पास हो गया। इसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने 16 टावर का नक्शा पास किया, जिसके तहत अब कुल 16 टावर के लिए 11 मंजिल की इजाजत दी गई और इसकी ऊंचाई 37 मीटर की गई। 

होते रहेंगे धमाके

इसके बाद ग्रीन बटन को दबाएंगे, जो इससे जुड़े चार डेटोनेटर को बिजली भेजेगा। इसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी हैं, उनमें करंट पहुंच जाएगा। अगले 9-12 सेकेंड तक एक साथ कई धमाके होते रहेंगे, इससे ट्विन टावर ढह जाएंगे। पहला ब्लास्ट सियान टावर के बेसमेंट में कोने पर होगा। यहां तैयारी यह है कि मलबा नीचे को बैठेगा। ब्लास्ट से पहले के 60 सेकेंड यानी एक मिनट में यह कुछ होगा।

चेतन दत्ता के साथ आधा दर्जन सहयोगी भी रहेंगे मौजूद

बताया जा रहा है कि एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता जब सुपरटेक के दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए ट्रिगर दबाएंगे तो उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिंकमैन और चार लोग भी 100 मीटर के दायरे में मौजूद रहेंगे।

करंट के साथ होगा विस्फोट

दोनों इमारतों को गिराने के बारे में पूरी जानकारी देते हुए चेतन दत्ता ने बताया कि पहले बाक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा। इसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी हैं, उनमें करंट पहुंच जाएगा और विस्फोट होना शुरू हो जाएगा।

ब्रिंकमैन ने तैयार किया ब्लास्ट डिजाइन

दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कंपनी जेट डिमोलिशन के निदेशक जो ब्रिंकमैन ने ही इस इमारत का ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया है। उन्हें इस क्षेत्र में करीब 40 वर्षों का अनुभव है। ब्रिंकमैन दूसरे व्यक्ति होंगे जो ट्रिगर प्वाइंट पर मौजूद रहेंगे। ब्रिंकमैन को पूरा भरोसा है कि रविवार को दोपहर ढाई बजे 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचे दोनों टावरों को जमीन पर गिराए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा। चेतन दत्ता ने बताया कि ये इमारतें हाई सिसमिक जोन में हैं।

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