Twin Tower: इतने सारे मलबे का होगा क्या और कैसे हटेगा? ब्लास्ट के बाद होंगे प्रदूषण के ऐसे हालात

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Twin Tower: इतने सारे मलबे का होगा क्या और कैसे हटेगा? ब्लास्ट के बाद होंगे प्रदूषण के ऐसे हालात

Twin Tower: इतने सारे मलबे का होगा क्या और कैसे हटेगा? ब्लास्ट के बाद होंगे प्रदूषण के ऐसे हालात


(K9 Media) Twin Tower Blast: यूपी के नोएडा (Noida) में स्थित ट्विन टावर (Twin Tower) आज (रविवार को) दोपहर ढाई बजे तोड़ दिया है. ब्लास्ट की मदद से ट्विन टावर को तोड़ा जाएगा. लेकिन इस बीच, सवाल ये उठता है कि ट्विन टावर के इतने सारे मलबे का क्या होगा? इसे कैसे हटाया जाएगा? अनुमान जताया जा रहा है कि ट्विन टावर में ब्लास्ट के बाद करीब 3 किलोमीटर तक धूल का गुबार फैला सकता है. 9 सेकंड में ट्विन टावर ध्वस्त हो जाएगा. खबर है कि ट्विन टावर को तोड़ने में 17 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा. ट्विन टावर का मलबा हटाने में करीब 3 महीने का वक्त लगेगा. 9 सेकंड में जमींदोज होगा ट्विन टावर बता दें कि नोएडा सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर थोड़ी देर मे ध्वस्त होना है, महज 9 सेकेंड में इमारत जमींदोज हो जाएगी. लेकिन ध्वस्त करने के बाद उड़ने वाली धूल अगले तीन से चार दिनों तक लोगों को परेशान कर सकती है. वहीं इससे बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गों को मास्क लगाने की जरूरत पड़ेगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विपुल सिंह ने बताया कि ट्विन टावर गिरने के बाद दो तरह की धूल हवा में उड़ेगी. धूल के मोटे कण तुरंत जमीन पर गिर जाएंगे लेकिन जो छोटे-छोटे कण होंगे वह हवा में लंबे वक्त तक रहेंगे क्योंकि हवा भी चल रही है. धूल के छोटे-छोटे कण अगले तीन से चार दिनों तक दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बने रहेंगे. अगर हवा की गति तेज होती है तो उससे कम समय के लिए रहेंगे. प्रदूषण से बढ़ सकती है लोगों की समस्या उन्होंने आगे कहा कि अगर बारिश पड़ती है तो यह जल्द सामन्य हो सकती है. लोगों को इससे बचने के लिए मास्क पहनने की जरूरत होगी, क्योंकि यह गंभीर होंगे. सीमेंट के छोटे-छोटे कण जो दिखते नहीं हैं वह इंसान को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंग्स में जाकर बाद में दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं. ट्विन टावर का मलबा ढोने में लगेगा वक्त प्रोफेसर विपुल सिंह ने आगे कहा कि ध्वस्त करने के बाद ट्विन टावर का जो मलबा है उसको ढोने में भी वक्त लगेगा और ट्रकों के माध्यम से जब ले जाएगा उसमें भी यह देखना होगा कि ट्रकों को सही तरिके से ढक कर ले जाया जा रहा है या नहीं. जान लें कि ट्विन टावर को गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च का बोझ बिल्डर उठाएगा, वहीं देश के रियल स्टेट में पहला ऐसा किस्सा होगा जो इतिहास में दर्ज होने जा रहा है.

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