लखीमपुर खीरी में बवाल: अब तक आठ लोगों ने गंवाई जान, बड़ी संख्या में जुटने लगे किसान, इंटरनेट सेवाएं बंद
कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया। तिकुनियां कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी।
मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक की मौत हो गई। बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया। देर रात तक आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच गए।
किसान नेताओं ने कहा कि मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी होने तक वे वहीं डटे रहेंगे। शासन ने लखनऊ से पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर भेज दिए। वहीं देर शाम जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। वहीं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगने से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ने से हादसा हुआ। इसके बाद हुए हिंसक झड़प में भाजपा के तीन कार्यकर्ता समेत हमारे ड्राइवर की मौत हुई है। वहीं बेटे आशीष मिश्र का कहना है कि वह खुद गाड़ी में नहीं थे। उनके कार्यकर्ता तीन वाहनों से उप-मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जा रहे थे।
इस बीच आरोप खारिज
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने कहा है कि मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह नौ बजे से बनवारीपुर में था। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हमारे तीन वाहन एक कार्यक्रम के लिए उप मुख्यमंत्री की अगवानी करने गए थे। रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे चीन-चार कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा।
घटना को लेकर ज़िलाधिकारी अरविंद चौरसिया ने कहा है कि ये घटना दिन के 3-3:15 बजे की है। रोड के दोनों तरफ लोग खड़े थे। विपरीत दिशा से आती हुई तीन गाड़ियों की उनसे दुर्घटना हुई। हम प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। चौरसिया ने कहा है कि इस घटना में चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हो गई है। जांच चल रही है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
उधर, मंत्री अजय मिश्र ने इस घटना में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के बीच बदमाश थे। किसान आंदोलन की शुरुआत से ही बब्बर खालसा समेत कई आतंकी संगठन अराजक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी का नतीजा है ये घटना।
घटना के बाद किसान परिवारों से मलने लखीमपुर जा रही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि आज की घटना बताती है कि यह सरकार किसानों को कुचलने के लिए राजनीति कर रही है। यह किसानों का देश है बीजेपी का नहीं। पीड़ितों के परिजनों से मिलने का फैसला कर मैंने कोई अपराध नहीं किया है।
गुस्से का सबब
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले एक सप्ताह से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने आंदोलन को लेकर गलत टिप्पणी की थी। इसी वजह से किसान उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए खीरी के पास के ही कस्बे तिकुनिया में हैलीपैड के पास इकट्ठे हुए थे। विरोध की आशंका को देखते हुए उप-मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से न आकर सड़क मार्ग से खीरी पहुंचे। उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीरपुर में एक दंगल का उद्घाटन करने जाना था। रास्ते में तिकुनिया में ही लखीमपुर और आसपास के जिलों के किसान विरोध करने के लिए भारी संख्या इकट्ठा हो गए।