कानपुर : चार साल से बंद पड़े मदरसे में मिला किशोर का कंकाल; बोर्ड पर लिखा- कन्फ्यूज हुई पुलिस

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कानपुर : चार साल से बंद पड़े मदरसे में मिला किशोर का कंकाल; बोर्ड पर लिखा- कन्फ्यूज हुई पुलिस

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में चार साल से बंद मदरसे में किशोर का कंकाल मिलने के बाद पुलिस की चुनौती बढ़ गई है। कंकाल की पहचान कराना आसान नहीं है। मदरसे के ब्लैक बोर्ड पर अंकित 20 मई 2023 की तारीख से कई सवाल उठ रहे हैं। 
इस बीच एक महिला ने अपने लापता बेटे का कंकाल होने की आशंका जाहिर की है। महिला का बेटा जिस तारीख को लापता हुआ है, उससे पहले की तारीख ब्लैक बोर्ड पर लिखी गई है। ऐसा लग रहा है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए कातिल ने ऐसा किया है।
जिस मदरसे से कंकाल मिला है उसकी बिल्डिंग में बाहर लोहे का गेट लगा है। अंदर प्रवेश करने से पहले लोहे का चैनल लगा है। इसके अंदर एक ओर प्रथम तल पर जाने के लिए जीना बनाया गया है। दूसरी ओर एक क्लास रूम है, जिसमें धूल से सनी कुछ सीटें व बेंच पड़ी हैं। 
चौंकाने वाली बात यह है कि ब्लैक बोर्ड पर क्लास वर्क में 20/05/2023 की तारीख लिखी गई है, जबकि परिवार और रिश्तेदारों का दावा है कि मदरसे में कोरोना काल से पढ़ाई बंद है। 
अब सवाल उठता है कि बंद पड़े मदरसे में कौन पढ़ा गया? ऐसा लग रहा है कि कातिल पुलिस को गुमराह करने के लिए गलत तारीख लिख गया है। मदरसे में क्लास रूम के पीछे किचन है। इसके सामने कमरे में कंकाल मिला है।
मदरसे के नजदीक रहने वाले विजय सिंह कहते हैं कि सामने जंगल है, जिसमें लोग मरे जानवर बोरी आदि में डालकर फेंक जाते हैं। इसलिए दुर्गंध आया करती है। यही वजह है कि पड़ोस के मकान में शव की दुर्गंध का आभास नहीं हुआ।
छबीलेपुरवा से वाहिद अली का 11 साल का सबसे छोटा बेटा अयान 24 अगस्त 2023 को लापता हुआ था। उसकी 25 अगस्त 23 को गुमशुदगी दर्ज की गई थी। वह मानसिक रूप से कमजोर था। थाना प्रभारी ने बताया कि कंकाल में पड़ी टीशर्ट और हॉफ पैंट से वाहिद की पत्नी अजबुन ने बेटा के होने की आशंका जताई है। डीएनए जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
कानपुर के जाजमऊ के पोखरपुर फार्म रोड पर चार साल से बंद पड़े मदरसे में बुधवार को एक किशोर का कंकाल मिला है। किशोर हॉफ पैंट पहने हुए था, जोकि खुला पड़ा था। कंकाल की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस डीएनए टेस्ट कराने की बात कह रही है। जानकारी के अनुसार, नई सड़क निवासी परवेज अख्तर ने वर्ष 2015 में पोखरपुर में मदरसा कदरिया उलूम शुरू किया था। इसमें करीब 70-80 बच्चे पढ़ते थे। करीब चार साल पहले कोरोना काल में मदरसे का संचालन बंद कर दिया गया था। जून 2022 में परवेज की कैंसर से मौत हो गई थी। 
परवेज के बेटे हमजा ने बताया कि दो साल पहले भी मकान का ताला टूटा होने की जानकारी पर देखने आए थे। उस दौरान दूसरा ताला लगा दिया था। हमजा के अनुसार, केडीए कॉलोनी निवासी उनका ममेरा भाई अनस सड़क से निकला तो मकान का ताला टूटा देखकर आसपास के लोगों के साथ घर में दाखिल हुआ। पीछे के कमरे में किशोर का कंकाल पड़ा देख पुलिस को सूचना दी। फॉरेंसिक टीम संग मौके पर पहुंचे एडिशनल डीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने जांच कर साक्ष्य जुटाए। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

 
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