अयोध्या : राम मंदिर में मजदूरों की कमी के कारण निर्माण कार्य की धीमी पड़ी रफ़्तार
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मजदूरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। मजदूरों की कमी ट्रस्ट के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। राममंदिर में अभी 700 से 800 मजदूर काम कर रहे हैं जबकि जरूरत दोगुने मजदूरों की है। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 22 जनवरी तक सप्तमंडपम के मंदिरों का काम पूरा हो जाएगा लेकिन दर्शन कब शुरू हो पाएंगे इसको लेकर अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के प्रगति की समीक्षा की जा रही है। पहले दिन की बैठक में यह अनुमान लगाया गया कि अभी चुनौती कितनी बाकी है। मंदिर में शिखर को छोड़कर अन्य सभी पत्थरों के कार्य को पूरा कर लिया गया है। शिखर निर्माण का कार्य चल रहा है। परकोटे के निर्माण के लिए 50 फीसदी तक पत्थरों को पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। निर्माण में आठ लाख घन फीट पत्थरों का उपयोग किया जाना है। लगभग चार लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का प्रयोग हो चुका है। परकोटा के छत पर प्रोजेक्टर के जरिये मंदिर को आकर्षक लाइटों से प्रकाशित किया जाएगा। इस कार्य के लिए छत निर्माण को पूरा करना आवश्यक है।
नृपेंद्र ने बताया कि परिसर में बन रहे सात अन्य मंदिरों के निर्माण का कार्य संतोषजनक है। मंदिर के साथ-साथ सात मंदिर भी पूर्ण रूप से तैयार हो जाएंगे। इसी प्रकार शेषावतार मंदिर का कार्य भी अपने समय अनुसार पूर्ण होगा। मंदिर निर्माण कार्य में तेजी के लिए श्रमिकों की संख्या दोगुनी करनी होगी। इसके लिए निर्माण संस्था के अधिकारियों से कहा गया है। आशा है कि जून 2025 तक सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। राममंदिर के लोअर प्लिंथ में आइकनोग्राफी से उकेरी जा रही मूर्तियों का काम भी तेजी से चल रहा है।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पूरे परिसर के निर्माण कार्य में अब तक 900 करोड़ खर्च हो चुके हैं। जबकि मंदिर समेत अन्य प्रकल्पों के निर्माण में 1800 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। रामजन्मभूमि परिसर में रामंमदिर के अलावा परकोटा, सप्तमंडपम, शेषावतार मंदिर, संग्रहालय, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र सहित अन्य कई काम हो रहे हैं।