चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कृषि कानूनों के समर्थन में किया ट्वीट।
बता दें कि हरियाणा और पंजाब समेत आसपास के राज्यों के लोग तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह माह से आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों में हालांकि धड़ेबंदी है, लेकिन फिर भी राजनीतिक हस्तक्षेप से ही सही, मगर आंदोलन जारी है। इस बार किसानों की सरसों सात से साढ़े सात हजार रुपये क्विंटल में बिकी है, जबकि सूरजमुखी 6500 रुपये क्विंटल तक में बिक रही है।
अशोक खेमका ने एक ट्वीट के जरिये कहा कि इस साल किसानों को सरसों का बेहतर मूल्य सरकारी मंडी के बाहर मिला है। हरियाणा राज्य में किसानों ने इस बार सिर्फ 25 लाख क्विंटल सरसों सरकारी मंडियों में बेची। लगभग दोगुणा यानी 50 लाख क्विंटल किसानों ने मंडी से बाहर खुले बाजार में बेची है। खेमका ने सवाल किया कि ऐसा होने के बावजूद क्या नए कृषि कानून सचमुच में काले हैं?