30 करोड़ की लूट में Most Wanted Gangster Vikas लगरपुरिया गिरफ्तार
फर्जी पासपोर्ट से घूम रहा था दुबई
दिल्ली और हरियाणा पुलिस के वांटेड क्रिमिनल गैंगस्टर विकास लगरपुरिया को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंगस्टर विदेश भागने की फिराक में था। इसको एसटीएफ ने दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर से पकड़ने में सफलता हासिल की है। लगरपुरिया गुरुग्राम में 30 करोड़ रुपए की लूट केस में वांटेड था।
कैब में कर रहा था सफर
STF गुरुग्राम के IG बी सतीश बालन ने बताया कि जब लगरपुरिया को पकड़ा गया तो वह कैब में सफर कर रहा था। हालांकि इससे पहले एक अन्य अधिकारी ने बयान दिया था कि गैंगस्टर को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा एसटीएफ को गुरुग्राम में 30 करोड़ रुपए की चोरी के मामले में उसकी तलाश थी। इस मामले में दो डॉक्टर, एक दिल्ली पुलिसकर्मी और एक हरियाणा IPS अधिकारी भी आरोपी हैं।
जारी हो चुका रेड कॉर्नर नोटिस
आरोपी गैंगस्टर हरियाणा के झज्जर जिले के लगरपुर गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ दिल्ली और हरियाणा में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, रंगदारी और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं। पिछले सात साल से फरार लगरपुरिया के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
4 अगस्त 2021 को की थी लूट
घटना पिछले साल 4 अगस्त की है। गैंगस्टर ने गुरुग्राम के सेक्टर 84 स्थित एक फ्लैट में घुसकर 30 करोड़ रुपए नकद लेकर फरार हो गया था। फ्लैट से एक निजी कंपनी का कार्यालय चल रहा था। लगरपुरिया गिरोह का सदस्य अमित उर्फ मित्ता, दिल्ली के नजफगढ़ का रहने वाला है। उत्तर प्रदेश के अभिनव और धरे को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
फर्जी पासपोर्ट से घूम रहा था दुबई
छह मई 2022 मई को गैंगस्टर विकास लगरपुरिया फर्जी पासपोर्ट से दुबई में पकड़ा गया था। उसने यह पासपोर्ट हरियाणा से बनवाया था। आरोपी ने इस फर्जी पासपोर्ट से कई देशों की यात्रा की है। गुरुग्राम में 30 करोड़ रुपए की चोरी का मास्टरमाइंड होने के कारण पुलिस उसके पीछे पड़ी हुई थी। पैरोल जंप करने के बाद 7 वर्ष से विकास फरार चल रहा था। उसके खिलाफ मकोका समेत कई केस दर्ज हैं।
16 की उम्र में किया पहला अपराध
विकास लगरपुरिया कभी दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र हुआ करता था। जब विश्वविद्यालय को ड्रॉप आउट हुआ तब वो गैंगस्टर बनने की राह पर चल पड़ा।16 वर्ष की उम्र में जब वो गुनाह की दुनिया में मशहूर हुआ तब उसका नाम उसी के गांव पर विकास लगरपुरिया पड़ गया। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाला विकास रामलाल आनंद कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था। ड्रॉप आउट होने के बाद उसका मन पढ़ाई से हट गया।
अपने ही गुरु की कर दी थी हत्या
अपराध की दुनिया में विकास ने अपने ही गुरु गैंगस्टर धीरपाल काना की हत्या कर दी थी। 2009 में विकास की मुलाकात धीरपाल काना से हुई। धीरपाल से दोस्ती होने के बाद विकास धीरे-धीरे जुर्म की दुनिया में दस्तक देने लगा। धीरपाल के गैंग में विकास लगरपुरिया का खास स्थान बन गया। विकास ने वर्ष 2012 में धीरपाल से रंजिश होने के कारण उसके करीबी टिंकू की घर में घुसकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से लोग विकास लगरपुरिया के नाम से डरने लगे।
16 से ज्यादा केस दर्ज, पैरोल मिलने के बाद फरार हुआ
विकास लगरपुरिया पर कम से कम 16 केस दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी जैसे मामले थे। विकास लगरपुरिया को जब पुलिस ने पकड़ा तो वो काफी दिनों तक जेल में बंद रहा। साल 2015 में उसे गिरफ्तार कर भोंडसी जेल में रखा गया था। बाद में विकास ने अपने पारिवारिक सदस्य के बीमार होने का हवाला देकर अदालत से पैरोल मांगी थी। पैरोल मिलने के बाद वह गायब हो गया और तभी से फरार है।
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