Wholesale Inflation : देश में 8 साल में सबसे कम हुई थोक महंगाई दर, मई में घटकर -3.48 फीसदी पर आई
Wholesale Inflation
Wholesale Inflation : देश में थोक महंगाई दर 3 साल के निचले स्तर पर आ गई है और ये मई में घटकर -3.48 फीसदी रही है। जानकारी के अनुसार, साल 2020 के जून महीने के बाद ये दूसरी बार सबसे कम लेवल पर आई है। थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर भारत में थोक मुद्रास्फीति मई में नकारात्मक क्षेत्र में बनी रही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में यह तीन साल के निचले स्तर माइनस 3.48 फीसदी पर आ गया, जबकि पिछले महीने माइनस 0.92 फीसदी था।
देश की थोक महंगाई दर में गिरावट के पीछे मुख्य वजह ये रही कि मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स, फूड आइटम्स, टेक्सटाइल्स के साथ-साथ नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम तो घटे ही है। मई में अनाज, गेहूं, सब्जियां, आलू, फल, अंडे, मांस और मछली, तिलहन, खनिज, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, और इस्पात में गिरावट मुख्य रूप से थोक मुद्रास्फीति में कमी के लिए जिम्मेदार है। सरकार हर महीने की 14 तारीख को मासिक आधार पर थोक कीमतों के सूचकांक जारी करती है। सूचकांक संख्या को देश भर में संस्थागत स्रोतों और चयनित विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किया जाता है।
जुलाई 2020 के बाद पहली बार नकारात्मक थोक मुद्रास्फीति दर्ज की गई है। थोक मुद्रास्फीति में कमी आ रही है और मार्च में यह फरवरी के 3.85 प्रतिशत के मुकाबले 1.34 प्रतिशत पर थी। इस बीच, भारत में खुदरा मुद्रास्फीति मई में तेजी से घटकर 4.25 प्रतिशत हो गई, जो दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। अप्रैल में यह 4.7 फीसदी और पिछले महीने 5.7 फीसदी थी। RBI की मौद्रिक नीति समिति ने पिछले सप्ताह सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को उधार देता है।
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