उत्तराखंड : उत्तराखंड के जंगलो की आग होती जा रही है बेकाबू , CM धामी का एलान

नैनीताल, पिथौरागढ़ से लेकर चमोली तक के जंगल जल रहे हैं, जिससे लाखों की वन संपदा के साथ ही वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं, दमकल कर्मियों की त्वरित कार्रवाई व सूझबूझ के चलते जंगलों में लगी आग से आवासीय भवनों व वन संपदा को नष्ट होने से बचाया गया।
शनिवार को रेंज के अंतर्गत नागल ज्वालापुर के महादेव मंदिर के समीप का जंगल भी आग की चपेट में आ गया है। वहीं शुक्रवार तक दूधली के केमरी में भी भीषण आग देखी गई थी। वही आगजनी काबू करने के लिए वन विभाग को कड़ी मुश्किल करनी पड़ रही है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगल की आग फैलती जा रही है। मसूरी वन प्रभाग के आरक्षित वन में भी जंगल सुलग रहे हैं। शुक्रवार को यहां तीन स्थानों पर आग लग गई। इसके अलावा भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोडा वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, बागेश्वर वन प्रभाग, हल्द्वानी वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, लैंसडौन वन प्रभाग, सिविल सोयम पौडी वन प्रभाग, बदरीनाथ वन प्रभाग, कालागढ़ टाइगर रिर्जव वन प्रभाग, केदारनाथ वन्यजीव वन प्रभाग में आग की घटनाएं दर्ज की गईं।
मुख्यमंत्री ने हिदायत देते हुए कहा कि जंगल की आग पर नियंत्रण के दृष्टिगत डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर अवश्य जाएं। कार्यालय में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है, वह की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि सप्ताहभर में जंगल की आग पर नियंत्रण को लेकर सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे।