Today Rain Weather Live: मैदान से पहाड़, मानसून की 'दहाड़'; यहां जानें उत्तर भारत में 'आसमानी आफत' का हर अपडेट
Rain Flood Weather Update: हिमाचल में बाढ़-बारिश से भयानक त्रासदी देखने को मिली है. उत्तराखंड में भी आज तेज बरसात का रेड अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. उत्तर भारत में आसमानी आफत का खतरा अभी टला नहीं है. बारिश और बाढ़ से जुड़ी तमाम छोटी-बड़ी खबरों का लेटेस्ट अपडेट जानने के लिए हमारे इस लाइव ब्लॉग से जुड़े रहें...
वायुसेना का हेलीकॉप्टर रवाना
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में वायु सेना का हेलीकॉप्टर सैंज घाटी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ है.
13 साल का रिकॉर्ड टूटा
दिल्ली में यमुना नदी की लहरें डरा रही हैं. यहां साल 2010 का रिकॉर्ड टूट गया है. 2010 में यमुना का जलस्तर 207.11 पहुचा था. अब यमुना इस निशान से ऊपर बह रही है.
देश भर का 'बारिश' बुलेटिन अलर्ट और चेतावनी
आज हिमाचल प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. हिमाचल में 17 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. दिल्ली में आज भी बारिश होने का अनुमान लगाया गया है. यमुना के किनारे से लोग हटाए गए हैं. यूपी के 51 जिलों में आज बारिश का अलर्ट है. हरियाणा के करनाल में भी बाढ़ के हालात हैं. लोगों को नदियों के पास न जाने की चेतावनी जारी की गई है.
'दिल्ली में 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने वाला है'
यमुना का बढ़ता जलस्तर दिल्ली को डरा रहा है. राजधानी में 1978 की बाढ़ जैसे हालात बनने की नौबत आ गई है। आज सुबह यमुना का पानी 207 मीटर को पार कर गया है। सुबह 6 बजे यमुना का जलस्टर 207.14 मीटर था। जबकि 1978 में जब बाढ़ आई थी तब यमुना का पानी 207.49 मीटर था. यानि दिल्ली में 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने वाला है.
आज सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 207.14 मीटर
बाढ़ बारिश और हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207 मीटर के पार पंहुच गया है. आज सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 207.14 मीटर पर दर्ज किया गया है. जबकि साल 1978 में 207.49 मीटर यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड किया गया था. यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने का अनुमान है.
दिल्ली में 85 लोगों को रेस्क्यू किया गया
दिल्ली यमुना किनारे रहने वाले 85 लोगों को रेस्क्यू कराया गया. जिसमे महिलाएं बच्चे भी शामिल थे. पांच मोटर बोट के जरिए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. ये लोग बुराड़ी, सोनिया विहार,और अलीपुर के रहने वाले है.
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर उठे सवाल
मौसम की वजह से हुई इस भीषण तबाही की एक वजह क्या ग्लोबल वार्मिंग भी मानी जा सकती है? मौसम विज्ञानियों के मुताबिक धरती का तापमान बढ़ना ही ग्लोबल वार्मिंग है. दरअसल प्रथ्वी की सतह का तापमान बढ़ने से वायुमंडल की जलवाष्प धारण क्षमता बढ़ जाती है. जिससे ज्यादा घने बादल बनते हैं जो बाद में भारी बारिश करने में सक्षम हैं.
अब तक 80 की मौत
हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों में आई आसमानी आफत यानी जल प्रलय से अब तक करीब 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ज्यादा प्रभावित है.