हरियाणा में यमुना का पानी गांवों में घुसा:3 जिले चपेट में, घग्गर भी डेंजर लेवल पार; दिल्ली-अमृतसर हाईवे खुला

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हरियाणा में यमुना का पानी गांवों में घुसा:3 जिले चपेट में, घग्गर भी डेंजर लेवल पार; दिल्ली-अमृतसर हाईवे खुला

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हरियाणा में यमुना का पानी गांवों में घुस गया है। यमुनानगर के अलावा करनाल और पानीपत के गांवों में यह पानी पहुंच गया है। पानीपत में इस पानी की वजह से गौशाला डूब गई। इस दौरान कुछ गायों की मौत भी हो गई। शाम तक यह पानी सोनीपत और फिर दिल्ली पहुंचेगा। वहीं आज भी 3 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। इनमें अंबाला, करनाल और पंचकूला शामिल हैं।

लगातार बारिश से हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट ज्यादा प्रभावित हुई। यहां करीब 9 जिलों के 600 गांव पानी से प्रभावित हैं। सबसे बुरी हालत अंबाला की है, जहां अभी भी 40% हिस्से में पानी भरा हुआ है। इसे देखते हुए अंबाला में स्कूलों की छुट्‌टियां 15 जुलाई तक बढ़ा दी गई हैं। पहले यह 12 जुलाई तक थी।

वहीं कैथल में घग्गर नदी खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर बह रही है। जिससे यहां 12 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व से निर्धारित अर्बन लोकल बॉडीज (ULB) की मीटिंग को रद कर दिया है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को ग्राउंड में रहने के निर्देश दिए हैं।

अंबाला में 7 रोड बंद, कई राज्यों से संपर्क कटा
बारिश के जलभराव की वजह से अंबाला से निकलकर जाने वाली 7 बड़ी रोड बंद हो गई हैं। इनमें अंबाला-चंडीगढ़, अंबाला-सहारनपुर, अंबाला-दिल्ली, अंबाला-जालंधर, अंबाला-हिसार, अंबाला-यमुनानगर नेशनल हाईवे और अंबाला-पंचकूला वाया बरवाला हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बारिश को देखते हुए अंबाला से जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को रद कर दिया गया है। अच्छी बात यह है कि दिल्ली-अमृतसर हाईवे खुल गया है।

अंबाला में रोड बंद होने से पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और UP-उत्तराखंड से संपर्क टूट गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने अलर्ट जारी करते हुए वाहन चालकों से अपील की है कि वह इन हाईवेज पर यात्रा न करें। राज्य में अब तक बारिश के दौरान 9 लोगों की मौत हो चुकी है। यह मौतें पंचकूला, करनाल, यमुनानगर व अन्य जिलों में हुई हैं।

सिरसा में ओटू हेड खोले गए
हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में बारिश होने के कारण तीनों राज्यों से गुजरने वाली घग्गर नदी उफान पर है। घग्गर में बढ़ते जल स्तर को लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है। हरियाणा में घग्गर, पंचकूला, अंबाला, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिले से गुजरकर राजस्थान में प्रवेश करती है। वहीं यह बीच-बीच में पंजाब के पटियाला, संगरूर और मानसा जिलों से होकर निकलती है। सिरसा में ओटू हेड पर अलर्ट घोषित किया है। हेड के गेट भी खोल दिए गए हैं।

आर्मी ने अंबाला में 731 छात्राएं रेस्क्यू की
बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा अंबाला जिले में हालात खराब हैं। यहां 3 दिन में 451 मिलीमीटर बारिश होने से शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा डूब गया है। हालात ज्यादा खराब होने पर प्रशासन ने सेना की मदद ली है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां लोगों ने घर की छत पर शरण ली।

देर रात तक NDRF, SDRF और पुलिस ने 2 हजार लोगों का रेस्क्यू करके सुरक्षित जगह पहुंचाया। अंबाला के चमन वाटिका स्कूल में फंसी 731 छात्राओं को सेना के जवानों ने रेस्क्यू किया।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
लगातार बारिश होने से राज्य की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जलस्तर बढ़ने से उफनाई टांगरी, मारकंडा और घग्गर नदी का पानी आसपास के क्षेत्र में भर गया है। अंबाला में रविवार रात टांगरी नदी किनारे बने घरों में फंसे 400 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया। यहां बचाव कार्य सोमवार देर शाम तक जारी रहा। कैथल के गांव बरोट में रजवाहा टूटने से खेतों में पानी भर गया। गुहला-चीका क्षेत्र से गुजर रही घग्गर नदी के कारण 18 गांवों में बाढ़ का खतरा है।

3 लाख क्यूसेक हथिनी कुंड का जलस्तर
कुरुक्षेत्र में 66 अधिकारियों, पटवारियों व ग्राम सचिवों को फील्ड में उतारा गया है। सरस्वती नदी का पानी कई क्षेत्रों में भर चुका है। यहां सबसे ज्यादा इस्माइलाबाद क्षेत्र में 242 और पेहोवा में 184 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

यमुनानगर के कई गांवों में लोगों को ट्रैक्टर ट्रालियों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। शहर की 60 से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हैं। हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर सोमवार रात 3 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।

डैमों से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
पंचकूला के कौशल्या डैम से देर रात बारिश को देखते हुए 4564 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके बाद निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं ओखला बैराज से 45000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे निचले इलाकों पर मंडराया बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं बाढ़ को लेकर सिंचाई विभाग अलर्ट मोड पर आ गाय है।

9 लोगों की हो चुकी अब तक मौत
अंबाला के मुलाना में जगाधरी हाईवे पर मारकंडा नदी के पानी में हिमाचल प्रदेश डिपो की बस पलट गई। बस में सवार 27 लोगों को क्रेन की मदद से बचाया गया। वहीं करनाल के सग्गा गांव में मकान गिरने से सो रहे दंपती की मौत हो गई।

घर के बाहर सो रहे 4 बच्चों की जान बच गई। अंबाला के गांव दुराना में बाइक फिसलने से एक की मौत हो गई। यमुनानगर के पिलखनवाला गांव में बने कुंड में डूबने से 11 वर्षीय छात्र की मौत हो गई।

यमुनानगर के ही सुढैल गांव में बिजली गिरने से धान रोप रहे व्यक्ति की मौत हो गई। अंबाला में बिंजलपुर में व्यक्ति बाइक समेत पानी में बह गया। पिंजौर की देवल घाटी में झुग्गी में सो रहे भाई-बहन समेत 3 की मलबा गिरने से मौत हो गई।

खाने-पीने का संकट गहराया
पहाड़ों पर हो रही बारिश से यमुना सहित सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं, जिसकी जद में आए सैकड़ों गांव प्रभावित हैं। खेतों में नदियों का पानी आने से जिलों में लाखों एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।

वहीं हजारों लोगों के समक्ष बिजली-पानी और खान-पान का संकट खड़ा हो गया है। अंबाला में टांगरी, मारकंडा और घग्गर नदी ने जमकर कहर बरपाया है। यहां 400 से अधिक गांवों में नदियों का पानी घुस गया है।

पानीपत में भी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया और आसपास के क्षेत्र की करीब 20 हजार एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। साथ ही 18 से अधिक गांव बाढ़ की जद में हैं।

वंदेभारत समेत 33 से अधिक ट्रेनें रद्द
फिरोजपुर और अंबाला मंडल के रेलवे ट्रैक पर जलभराव होने के कारण वंदेभारत समेत 33 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया है। 25 से अधिक ट्रेनों का रूट बदलकर गंतव्य की ओर रवाना किया गया। कालका-शिमला रेलमार्ग पर लगातार दूसरे दिन भी 7 ट्रेनों का आवागमन ठप रहा।

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