Earthquake In Solomon Islands :सोलोमन आइलैंड पर 7.3 तीव्रता का भूकंप आया, अब सुनामी की चेतावनी जारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशांत महासागर में स्थित सोलोमन द्वीप और पापुआ न्यू गिनी में आज सुबह तेज भूकंप आया. रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 7.3 मापी गई है.
Solomon Tsunami Warning: इंडोनेशिया के बाद आज मंगलवार (22 नवंबर) को सोलोमन आइलैंड (Solomno Islands) में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. सोलोमन द्वीप में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.3 मापी गई. अभी तक वहां किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. हालांकि, इस शक्तिशाली भूकंप के बाद वहां सुनामी (Tsunami) आने की चेतावनी जारी गई गई है. US जियोलॉजिकल सर्वे से सोलोमन द्वीप में आए इस भूकंप के बाद वहां सुनामी की चेतावनी जारी है.
गौरतलब है कि इससे पहले इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार (21 नवंबर) को आए भीषण भूकंप के कारण वहां 162 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की 5.4 तीव्रता मापी गयी थी. भूकंप के कारण इंडोनेशिया में कई बिल्डिंग को बहुत नुकसान पहुंचा था, भूकंप के दौरान लोग अपनी जान बचाने के लिए सड़कों और गलियों में भागते नजर आए. इस भीषण भूकंप में कई लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
भूकंप के बाद दर्ज हुए 25 झटके
जावा के गर्वनर के मुताबिक, भूकंप से मरने वालों की संख्या 162 हो गई है. उन्होंने बताया कि भूकंप से मरने वालों में ज्यादातर बच्चे है, दरअसल, भूकंप उस समय आया जिस समय बच्चे स्कूलों में पढ़ाई खत्म कर इस्लामिक स्कूल में पढ़ रहे थे. भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जावा के सियांजुर क्षेत्र में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था. भूकंप आने के बाद वहां 25 झटके दर्ज किए गए थे.
भूकंप से पहले भी मची तबाही
इससे पहले शुक्रवार को भी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भूकंप आया था. रिक्टर पैमाने पर इसकी 6.6 तीव्रता मापी गई थी. इसकी गहराई 20 किमी जमीन के अंदर थी. गौरतलब है कि इंडोनेशिया की आबादी करीब 27 करोड़ है और यह अकसर भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी से प्रभावित रहता है. इंडोनेशिया में विनाशकारी भूकंपों का इतिहास रहा है. 2004 में उत्तरी इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इसने इंडोनेशिया के साथ-साथ 14 देशों को प्रबावित किया था. उस समय हिंद महासागर के तट पर 226000 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के रहने वाले थे.