चंडीगढ़ : PGI में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए किया टास्क फाॅर्स का गठन , 12 सदस्य की होगी फाॅर्स
चंडीगढ़ में डॉक्टरों की सुरक्षा को देखते हुए पीजीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स के तहत सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 5 सब-कमेटियों का भी गठन किया गया है।
टास्क फोर्स के प्रमुख एवं पीजीआई के डिप्टी डायरेक्टर पंकज राय के अनुसार, इन सब-कमेटियों में डॉक्टर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग और विभिन्न विभागों की यूनियनों को शामिल किया गया है।
सुरक्षा उपायों में सुधार के लिए, अस्पताल की मुख्य जरूरतों जैसे मैनपावर, रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मियों के लिए बस सेवा, और सीसीटीवी कवरेज पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लगभग 900 सीसीटीवी कैमरों की समीक्षा की गई है और 300 नए कैमरों का ऑर्डर भी दिया गया है, जिन्हें तीन करोड़ रुपए के बजट से पीजीआई के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा।
महिला कर्मियों की सुरक्षा के लिए, हर फ्लोर पर महिला ड्यूटी रूम में इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। यह सिस्टम एमएस कंट्रोल रूम और चीफ सिक्योरिटी अधिकारी से जुड़ा होगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सकेगी।
इस टास्क फोर्स के तहत, अस्पताल में कार्यरत सभी कर्मियों-डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरा-मेडिकल स्टाफ और ट्रांसजेंडर समुदाय की सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा।
टास्क फोर्स के प्रमुख एवं पीजीआई के डिप्टी डायरेक्टर पंकज राय के अनुसार, इन सब-कमेटियों में डॉक्टर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग और विभिन्न विभागों की यूनियनों को शामिल किया गया है।
सुरक्षा उपायों में सुधार के लिए, अस्पताल की मुख्य जरूरतों जैसे मैनपावर, रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मियों के लिए बस सेवा, और सीसीटीवी कवरेज पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लगभग 900 सीसीटीवी कैमरों की समीक्षा की गई है और 300 नए कैमरों का ऑर्डर भी दिया गया है, जिन्हें तीन करोड़ रुपए के बजट से पीजीआई के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा।
महिला कर्मियों की सुरक्षा के लिए, हर फ्लोर पर महिला ड्यूटी रूम में इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। यह सिस्टम एमएस कंट्रोल रूम और चीफ सिक्योरिटी अधिकारी से जुड़ा होगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सकेगी।
इस टास्क फोर्स के तहत, अस्पताल में कार्यरत सभी कर्मियों-डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरा-मेडिकल स्टाफ और ट्रांसजेंडर समुदाय की सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा।