Abhay Chautala को पहनाई गई चौधर की पगड़ी, स्व. चौटाला का उत्तराधिकारी घोषित

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Abhay Chautala को पहनाई गई चौधर की पगड़ी, स्व. चौटाला का उत्तराधिकारी घोषित

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला की आत्मिक शांति के लिए गांव चौटाला के चौ. साहिबराम स्टेडियम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान सर्वधर्म सभा में मंत्रोच्चारण हुआ। तलवंडी साबो के दमदमा साहिब से आए जत्थेदार जगतार सिंह ने चौटाला के बेटे अभय चौटाला को सिरोपा भेंट किया। मुस्लिम समुदाय से अब्दुल रशिद खान ने श्रद्धासुमन अॢपत किए। इस दौरान श्रद्धांजलि देने आए राजनेताओं ने अभय सिंह चौटाला को स्वर्गीय चौ. ओमप्रकाश चौटाला की विरासत को आगे बढ़ाने की शुभकामनाएं दी वहीं खाप प्रतिनिधियों एवं सर्वधर्म की पूजा करने आए धर्म गुरुओं ने भी अभय सिंह चौटाला को स्वर्गीय चौ. ओमप्रकाश चौटाला की विरासत सम्भालने और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने का आशीर्वाद दिया।खास बात यह है कि श्रद्धांजलि सभा में महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पंजाब के राज्यपाल ने अपने शोक संदेश भेजे। श्रद्धांजलि सभा में हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पंजाब के पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल व राकेश टिकैत सहित देशभर के अलग-अलग हिस्सों से राजनेता, समाजसेवी, उद्योगपति एवं विभिन्न संगठनों व संस्थाओं के हजारों पदाधिकारी पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री को अपने श्रद्धासुमन अॢपत किए। 


राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संप्रेषित किए अपने शोक संदेश में कहा कि चौटाला का निधन एक अपूर्णीय क्षति है। वे एक प्रभावशाली नेता थे और पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। प्रदेश व समाज की सेवा की और खासकर के ग्रामीण विकास को लेकर कदम उठाए। मुर्मू ने कहा कि चौटाला की भाषण शैली सरल थी और जमीन से जुड़ी हुई होती थी। अभय चौटाला के नाम भेजे गए शोक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चौटाला एक अनुभवी राजनेता, कुशल प्रशासक थे। विभिन्न दायित्यों का निर्वहन उन्होंने गंभीरता से किया। चौ. देवीलाल के कार्र्यों को आगे बढ़ाने का काम किया। मोदी ने कहा कि चौटाला ने ग्रामीणों व वंचितों की बेहतरी के लिए किए गए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।


इस दौरान  हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर श्रद्धासुमन अॢपत करते हुए उन्हें एक महान व्यक्ति की संज्ञा दी। बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उनका पूरा जीवन संघर्षमय रहा। हरियाण की प्रगति विशेषकर ग्रामीण विकास को लेकर उन्होंने सदैव प्रयास जारी रखे। बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि साल 1999 में वे वाजपेयी सरकार में शहरी विकास मंत्री थे और उस दौरान चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। चौटाला ने राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश राज्यों की एक बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास को लेकर हरियाणा की पैरवी जोरदार तरीके से की। राज्यपाल ने कहा कि चौटाला के निधन से एक रोज पहले ही उनके बेटे अभय चौटाला उनसे मिलने आए थे। तब उन्होंने चौटाला के स्वास्थ्य के बारे में पूछा था। अगले दिन ही उनके निधन की दुखदायी खब आई। उनका स्वभाव बहुत ही अच्छा था और उनका संघर्ष, परिश्रम हमें सदैव प्ररेणा देता रहेगा। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाा कि राजनीति के क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया है। नड्डा ने कहा कि उन्हें भी चौटाला के साथ काम करने का अवसर मिला। वे जिंदादिल इंसान थे। जिंदादिली की बात इसलिए कहता हूं कि बेबाक होकर लोगों के हकों की आवाज को उठाते थे। वंचितों, दलितों व गरीबों की हमेशा आवाज बने। हरियाणा के विकास में उन्होंने पूरा योगदान दिया और हरियाणा को विकसित राज्य बनाने में उनकी अहम भूमिका भी रही। युवाओं के प्रिय एवं सभी वर्गों के हित में उन्होंने कदम उठाए। नड्डा ने कहाा कि ऐसे बहुआयामी व्यक्ति का जाना परिवार का विषय नहीं है, बल्कि सामाजिक क्षति है। 

हरियाणा के विकास को नई दिशा देने का कार्य उनकी देखरेख में हुआ:  मुख्यमंत्री

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हरियाणा के विकास को नई दिशा देने का कार्य उनकी देखरेख में हुआ। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज जिला सिरसा के गांव चौटाला के चौधरी साहिब राम स्टेडियम में आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री चौटाला का जीवन संघर्ष का प्रतीक रहा है। उनके मार्गदर्शन में हरियाणा को विकास के क्षेत्र में नई दिशा मिली।  ऐसे महान व्यक्तित्व चौधरी ओम प्रकाश चौटाला अपना एक गौरवशाली जीवन व्यतीत करके हम सबको एक दिशा देकर गए हैं।  ऐसी  दिवंगत आत्मा से हमें प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने समाज और प्रदेश के हित में अपना जीवन समर्पित किया। जब भी समाज के हित की बात आई श्री चौटाला ने हमेशा आगे बढक़र योगदान दिया और लोगों तक लाभ पहुंचाने का कार्य किया।  मुख्यमंत्री ने परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करी कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को ये दु:ख सहने का साहस प्रदान करें।

पार्टी एवं परिवार में पैदा हुए शुन्य को भरना असंभव: अभय चौटाला

इनैलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि  आज हम सभी हमारे महान नेता, जुझारू संघर्षशील, मेहनती लीडर, जुबान के धनी, कुशल प्रशासक और गरीब करमेरे, किसान, दलित, पिछडे व छोटे व्यापारियों के मसीहा चौधरी ओम प्रकाश चौटाला - जो को शोकेसथीं में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए है । इस शोकसभा मे हरियाणा,. - पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों और विदेशों से आए चौटाला परिवार के. प्रशंसकों, शुभचिंतकों व दोस्तों और रिश्तेदारों का आज यहां आने और चौटाला साहब को श्रद्धांजलि देने व इस दुख की हड्डी में हमारा ढांढस बंधारे के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं। अभय चौटाला ने कहा कि उनके जाने से परिवार पाटी और राजनीति  में  जो शून्य पैदा हुआ है। उसकी भरपाई असंभव  पार्टी के र्कांकर्ताओं के प्रति उनका समेह, आम आदभी के हितों के प्रति उनकी चिंता, पार्टी के प्रति उनका समर्पण और देश- प्रदेश की प्रगति को लेकर उनका नजरिया किसी से छिपा नहीं है। अपने आखरी क्षणों तक वो किसान- मजदूर और गांव में बसने वाले लोगों केी वो चिंता करते रहे। अक्सर डस उम्र में आकर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की चिंता करता है लेकिन चौटाला साहब को सबसे बडी तकलीफ यह थी कि वो लोगों को गाँव जाजा कर उनसे नहीं मिल पा रहे थे। जरा-सा स्वास्थ्य से सुधार होते ही वह या तो किसी कार्यकर्ता के यहां विवाह समारोह में शिरकत करने चले जाते या फिर किसी दुखियारे का दुख बाॉटने उसक घर पहुँच जाते । अभय चौटाला ने कहा कि उनकी कार्यशैली ने हरियाणा के विकास की वह गाथा लिखी जो आज तक कोई न लिख सका । वे इकलौते ऐसे  मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने कभी घाटे का बजट प्रस्तुत नहीं किया। उनके समय में हरियाणा की अर्थव्यवस्था अपने शिखर पर थी और ब्यूरोकेसी पूरी तरह कर्मठ और अनुशासित उनका जीवन आर कायेप्रणालो दोनों ही अपने आप में मिसाल हैं। उनकी नेतृत्व एक आदर्श थी । हरियाणा के कोने- कोने में उन्होंने जों विकास किया क्षमता आदालन किये सघषे के बिगुल बजाये, उस सबका परिणाम आपने अपनी आंखों से देखा कि हरियाणा तीव्र गति से उन्नति की राह पर अग्रसर हुआ

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