24 साल पहले बाबा भोला गया था जेल , 2 दिन तक लड़की की लाश के साथ .........

केदारनगर से थोड़ी दूर बने श्मशान घाट पर मल्ल का चबूतरा है। 24 साल पहले इसी चबूतरे पर 17 साल की एक लड़की की लाश रखी थी। सूरजपाल बाबा ने दावा किया था कि वो इस लड़की को जिंदा कर देगा। ये बात आसपास के इलाके में फैल गई थी।
लोग इसी उम्मीद में श्मशान घाट पहुंच गए कि सूरजपाल बाबा कोई चमत्कार दिखाएंगे। मरी हुई लड़की जिंदा हो जाएगी। सूरजपाल बाबा के सेवादारों ने कहा था कि सुबह 11 बजे लड़की जिंदा हो जाएगी। टाइम निकल गया, लेकिन लड़की जिंदा नहीं हुई।
इस बीच श्मशान घाट पर डेडबॉडी का अंतिम संस्कार करने के लिए आ रहे लोग भी जुटने लगे। उन्होंने इस उम्मीद में अंतिम संस्कार नहीं किया कि अगर लड़की जिंदा हो गई, तो वे जिसे अंतिम संस्कार के लिए लाए हैं, बाबा उसे भी जिंदा कर देंगे। कुछ देर में लोगों को समझ आ गया कि कोई चमत्कार नहीं होने वाला। वे हंगामा करने लगे।
लोगों ने तब पार्षद रहीं हेमा परिहार को खबर दी। हेमा मौके पर पहुंचीं और देखा कि भीड़ बेकाबू हो रही है। उन्होंने तुरंत पुलिस बुला ली। शाहगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। सूरजपाल बाबा और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। श्मशान घाट में मौजूद महिलाएं बाबा की गिरफ्तारी से भड़क गईं। उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बावजूद पुलिस बाबा को थाने ले गई।
शाहगंज थाने में 18 मार्च को बाबा के खिलाफ FIR दर्ज की गई। ये FIR हेमा परिहार ने ही लिखवाई। इसमें सूरजपाल के अलावा कुंवरपाल, मेवाराम, प्रेमवती, कमलेश सिंह, मीना और सांवरे का नाम था । पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में लिखा कि आरोपियों ने मरी लड़की स्नेहलता को चमत्कारी शक्ति से जिंदा करने का षड्यंत्र किया।
इस मामले में पुलिस ने The Drugs And Magic Remedies (Objectionable Advertisements) Act-1954 की धारा 2 (C) में केस दर्ज किया था। शाहगंज पुलिस के मुताबिक, मामले में चार्जशीट दाखिल हुई थी, लेकिन बाद में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। केस बंद हो गया और बाबा को कोई सजा नहीं हुई।
मार्च, 2000 में हुई घटना के बारे में वहां के रहने वाले पंकज बताते हैं कि ‘उस लड़की का नाम स्नेहलता था। वो सूरजपाल बाबा के साले मेवाराम की बेटी थी। बाबा ने उसे गोद लिया था। स्नेहलता को कैंसर था। 16 मार्च को वो बेहोश हो गई। उसे बेहोशी की हालत में बाबा के पास लाया गया।'
'तब तक ये पता नहीं था कि स्नेहलता का इलाज कराया गया है या नहीं। रात में बाबा ने उसका इलाज किया। सुबह बताया कि लड़की को होश आ गया था। फिर उल्टी हुई और उसकी मौत हो गई।’
‘बाबा के सेवादार कहने लगे कि स्नेहलता की मौत हो गई थी। बाबाजी ने उसे मरने के बाद जिंदा किया था। अब वे फिर से उसे जिंदा करेंगे। ये बात सुनकर लोग जुटने लगे। बाबा के शिष्य स्नेहलता की डेडबॉडी श्मशान घाट ले गए। वहां पूजा-पाठ करने लगे। सब लोग हाथ जोड़कर कहने लगे कि बाबाजी आएंगे, लड़की को जिंदा करेंगे। श्मशान घाट में काफी भीड़ जुट गई।’
तभी पुलिस भी आ गई। लाठीचार्ज हुआ। पुलिस यहां कुटिया तक भी आई थी। बाबाजी की यहीं से गिरफ्तार किया था। उसके बाद से अब तक बाबाजी सिर्फ एक बार यहां आए हैं।