बिना दान लिए बाबा भोले के पास 100 करोड़ की सम्पति , जानिए बाबा के जीवन से जुड़े तथ्य

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बिना दान लिए बाबा भोले के पास 100 करोड़ की सम्पति , जानिए बाबा के जीवन से जुड़े तथ्य

baba bhola


भोले बाबा उर्फ सूरज पाल की असली कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। भोले बाबा के हाथरस सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई। मगर, FIR में बाबा का नाम तक नहीं है। घटना के बाद से वह गायब है। मैनपुरी में उसके आश्रम के बाहर 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं।
बाबा के पास 100 करोड़ से ज्यादा के आश्रम और जमीन है और लग्जरी कारों का काफिला है। आलीशान आश्रम और 80 सेवादार है। यह शान-ओ-शौकत है भोले बाबा की। उस पर बाबा का दावा यह कि वह एक पैसे भी दान नहीं लेता।
जब आश्रम से बाबा का काफिला निकलता है तो उसकी गाड़ी के पीछे सैकड़ों सेवादारों की फौज दौड़ती है। ये उसकी सुरक्षा में हमेशा तैनात रहते हैं। बाबा पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं करता है। वो जहां जाता है, उसके निजी सेवादार और खुद की आर्मी साथ रहती है। बाबा की फौज में शामिल सेवादार गुलाबी रंग की वर्दी पहनते हैं। इस फौज में भर्ती के लिए आवेदन भी करना पड़ता है।
बाबा मैनपुरी के आलीशान आश्रम में रहता है। यहां 6 बड़े कमरे उसके और उसकी पत्नी के लिए रिजर्व हैं। बिना अनुमति के यहां कोई नहीं जा सकता। 80 सेवादार तैनात रहते हैं। बाबा का यह आश्रम करीब 21 बीघा में फैला हुआ है। बाबा को नजदीक से जानने वालों ने बताया कि बाबा के पास 100 करोड़ से ज्यादा के आश्रम और जमीन है। सभी आश्रम ट्रस्ट के नाम हैं।
भोले बाबा के काफिले में हर समय 25 से 30 लग्जरी कारें रहती हैं। बाबा खुद फॉर्च्यूनर से चलता है। हाथरस में सत्संग करने भी बाबा 15 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचा था।
मैनपुरी के बिछुआ और कासगंज के पटियाली सहित यूपी में सूरज पाल के पास करीब 25 आश्रम हैं। हर जिले में उसने एक ट्रस्ट बना रखा है, साथ ही एक कमेटी भी। उसे 'हम कमेटी' के नाम से जानते हैं। अगर किसी को सत्संग करवाना है तो वह सीधे बाबा से संपर्क नहीं कर सकता। उसे अपने जिले की कमेटी से संपर्क करना होगा।
मैनपुरी में 'हम कमेटी' से जुड़े कलेक्टर सिंह बताते हैं कि सत्संग के लिए आम लोगों से चंदा नहीं लिया जाता। जो लोग कमेटी में होते हैं वही पूरा खर्च देखते हैं। कमेटी पहले सब कुछ देख लेती है और फिर बाबा के पास पर्ची लेकर जाती है। बाबा के हां कहने पर वहां तैयारी शुरू हो जाती है। हम जैसे उनके भक्त उस जगह पर जाकर साफ-सफाई करते हैं। पूरी व्यवस्था देखते हैं। बाबा किसी तरह का कोई दान नहीं लेते।

 
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