रोहतक : PGI में डॉक्टर्स की 13 दिन से हड़ताल जारी , इमरजेंसी सेवाए की बंद , गेट पर जड़ा टाला
रोहतक पीजीआई में पिछले 13 दिनों से जारी हड़ताल के दौरान शनिवार से रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) और इंटर्न डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। डॉक्टरों ने कहा कि वे अपनी जान गंवाकर कब तक मरीजों की जान बचा सकते हैं।
शुक्रवार रात को भी कार सवार कुछ लोगों ने डॉक्टरों और सुरक्षा कर्मियों के साथ बदतमीजी की। नौबत झगड़े तक की हो गई थी, लेकिन मारपीट नहीं हुई। जबकि प्रशासन सुरक्षा के दावे कर रहा है।
शुक्रवार रात को हुई वारदात के बाद सभी ने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों के कंधे पर ही आपातकालीन सेवाओं का जिम्मा आ गया है। इधर, कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर की रेप व हत्या मामले में हड़ताल करने के बाद ओपीडी सर्विस बंद कर दी थी। विरोध प्रदर्शन करते हुए रेजिडेंट व इंटर्न डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआई के पीछे वाले गेट, जो श्रीनगर कॉलोनी व चिन्योट कॉलोनी की तरफ खुला है। उस पर ताला जड़ दिया। साथ ही कहा कि रोहतक पीजीआई का कैंपस सुरक्षित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग सुरक्षा की है। अगर चिकित्सकों को सुरक्षा ही नहीं मिलेगी, तो वे कैसे मरीजों का उपचार कर सकते हैं। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। साथ ही कहा कि यहां रोहतक पीजीआई प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब आला अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। ताकि सभी डॉक्टर हड़ताल छोड़कर काम पर लौटें और उन्हें सुरक्षित माहौल मिले। साथ ही कहा कि आपातकालीन सेवाएं मांग पूरी नहीं होने तक बंद रखेंगे।
शुक्रवार रात को भी कार सवार कुछ लोगों ने डॉक्टरों और सुरक्षा कर्मियों के साथ बदतमीजी की। नौबत झगड़े तक की हो गई थी, लेकिन मारपीट नहीं हुई। जबकि प्रशासन सुरक्षा के दावे कर रहा है।
शुक्रवार रात को हुई वारदात के बाद सभी ने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों के कंधे पर ही आपातकालीन सेवाओं का जिम्मा आ गया है। इधर, कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर की रेप व हत्या मामले में हड़ताल करने के बाद ओपीडी सर्विस बंद कर दी थी। विरोध प्रदर्शन करते हुए रेजिडेंट व इंटर्न डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआई के पीछे वाले गेट, जो श्रीनगर कॉलोनी व चिन्योट कॉलोनी की तरफ खुला है। उस पर ताला जड़ दिया। साथ ही कहा कि रोहतक पीजीआई का कैंपस सुरक्षित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग सुरक्षा की है। अगर चिकित्सकों को सुरक्षा ही नहीं मिलेगी, तो वे कैसे मरीजों का उपचार कर सकते हैं। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। साथ ही कहा कि यहां रोहतक पीजीआई प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब आला अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। ताकि सभी डॉक्टर हड़ताल छोड़कर काम पर लौटें और उन्हें सुरक्षित माहौल मिले। साथ ही कहा कि आपातकालीन सेवाएं मांग पूरी नहीं होने तक बंद रखेंगे।