उत्तर प्रदेश : DP यादव ने किया सुसाइड , जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने पर थे खफा

सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डीपी यादव राजनीति में आने से पहले दरोगा थे । साले सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने बताया कि एक दिन पहले उनसे बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि पैर में दर्द हो रहा है। सपा जिलाध्यक्ष ने उनको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए कहा था।
उन्होंने बताया कि डीपी यादव मूल रूप से बिजनौर जिले के रोहनिया के निवासी थे। उनके छोटे भाई मदन पाल सिंह यादव गन्ना विभाग में कार्यरत हैं। सबसे छोटे भाई वीरपाल सिंह यादव घर रहकर खेती करते हैं। पिता मुरारी सिंह यादव अभी घर पर रहते हैं। डीपी यादव पहले यूपी पुलिस में सिपाही थे।
प्रमोट होकर दरोगा बन गए थे। इस दौरान वह 90 के दशक से सपा की राजनीति करने लगे। जिस समय भगवान शर्मा सपा के जिलाध्यक्ष थे, उस समय डीपी यादव जिला मंत्री थे। उनके प्रोफेसर राम गोपाल यादव से नजदीकी संबंध थे। इस कारण कई बार मुलायम सिंह यादव ने डीपी यादव को प्रदेश सचिव बनाया था।
लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने डॉ. एसटी हसन का टिकट काटकर रुचिवीरा को टिकट दे दिया। वह कांग्रेस के साथ संयुक्त बैठक कर चुनाव को गति देने में लगे थे। इस बीच आठ अप्रैल को सपा प्रदेश अध्यक्ष ने डीपी यादव को हटाकर उनके साले जयवीर सिंह को जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया। पार्टी की कार्रवाई से नाराज डीपी यादव कहना था कि उनको आजम खां के इशारे पर हटाया गया है। वह आजम खां को अपना नेता नहीं मानते हैं। उनके नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं। यह बयान उस समय राजनीतिक सुर्खियों में आया था। लोगों का कहना है कि 30 मई के बाद उनका तनाव ज्यादा बढ़ गया था।
कांग्रेस के नेताओं ने जताया शोक
जिला कांग्रेस कमेटी ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डीपी यादव के निधन पर शोक जताया है। पार्टी के नेताओं ने उनकी शवयात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद, पूर्व अध्यक्ष अजय सारस्वत सोनी, विनोद गुम्बर, उपाध्यक्ष व प्रवक्ता सुधीर पाठक, असद मोलाई, शकील चौधरी, अमीरुलहसन जाफरी, अरविंद चौहान, भयंकर सिंह बौद्ध, अल्पसंख्यक के चेयरमैन अफजल साबरी, संदीप बजाज, आनंद मोहन गुप्ता, गोपाल द्विवेदी, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिन्हा बबली भी अधिवक्ता साथियों के साथ मोक्ष धाम पर मौजूद रहे।