हरियाणा में एजेंटो की अब खैर नहीं, विधानसभा में आज पेश होगा ये बिल

हरियाणा में गलत तरीके से विदेश भेजने तथा शवों की बेकद्री रोकने के लिए प्रदेश सरकार आज संशोधित विधेयक सदन में पारित कराएगी। पिछले साल हरियाणा विधानसभा में पारित दोनों विधेयकों को केंद्र सरकार ने लौटा दिया था।
केंद्र सरकार की आपत्तियों को दूर करते हुए नए आपराधिक कानूनों के अनुसार तैयार हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक और ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक को विधानसभा में पारित करने के बाद मंजूरी के लिए फिर से राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
केंद्र की हरी झंडी मिलते ही नए नियम लागू हो जाएंगे। इसी तरह जुआ-सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग रोकने के लिए सार्वजनिक द्यूत रोकथाम विधेयक और 5 साल पुराने सभी कच्चे कर्मचारियों की नौकरी 58 साल की सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित करने के लिए संविदात्मक कर्मचारी सेवा की सुनिश्चितता संशोधन विधेयक पारित किए जाएंगे।
इसके अलावा हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक और अपर्णा संस्था विचार के लिए सदन पटल पर रखे जाएंगे। हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति या समूह शव के साथ सड़कों पर प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे।
परिजनों के स्वीकार नहीं करने पर थानेदार अंतिम संस्कार कराएंगे। शव के साथ प्रदर्शन करने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक कैद और एक लाख रुपये जुर्माना होगा। उकसाने वालों को सजा भी दी जाएगी।
ट्रैवल एजेंटो का पंजीकरण और विनियमन विधेयक में कबूतरबाजी में संलिप्त ट्रेवल एजेंटों को 3 से 10 साल तक कैद और 2 से 5 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दोषी साबित होने पर आरोपित ट्रैवल एजेंट की प्रापर्टी भी जब्त कर ली जाएगी।
ट्रैवल एजेंसी से लेकर जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वालों को इस कानून के तहत लाया जाएगा। ऐसे लोगों को सरकार से अधिकृत फीस चुकाकर लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
नए विधेयक के प्रभावी होने के बाद कोई भी व्यक्ति विदेश भेजने के नाम पर अनधिकृत तरीके से दफ्तर नहीं खोल सकेगा। अगर कोई ट्रैवल एजेंट आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है या प्रमाणपत्र की शर्तों का उल्लंघन करता है या दिवालिया हो जाता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।