दिल्ली : हॉस्पिटल फायर में एक और खुलासा , हॉस्पिटल के नीचे अवैध ऑक्सीजन रिफलिंग का काम होता था

दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार 25 मई की रात करीब 11:30 बजे न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर नाम के चाइल्ड हॉस्पिटल में आग लग गई। इसमें फंसे 12 नवजात को बाहर निकाला गया। हालांकि, 7 की मौत हो गई। 5 बच्चों को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग में हॉस्पिटल पूरी तरह जल गया।
लोगो ने बताया कि स्थानीय लोग और NGO शहीद सेवा दल के सदस्य मदद के लिए सबसे पहले आए थे। कुछ लोग हॉस्पिटल की बिल्डिंग पीछे गए और ऊपर चढ़कर बच्चों को एक-एक कर निकाला।
शहीद सेवा दल के एक सदस्य ने दावा किया कि आग लगते ही हॉस्पिटल के सभी स्टाफ बच्चों को छोड़कर भाग गए। पहला सिलेंडर फटकर बिल्डिंग के अंदर गया, जिससे आग लग गई। उसके बाद एक के बाद एक तीन और सिलेंडर ब्लास्ट हुए।
मुकेश बंसल नाम के एक स्थानीय ने बताया कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग का काम चलता था। पार्षद से इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यह सब पुलिस की नाक के नीचे हो रहा था। मुकेश पहले हॉस्पिटल के बगल में रहते थे। सिलेंडर रीफिलिंग के कारण वे दूसरी गली में रहने चले गए।
घटना के बाद अपने बच्चे की तलाश कर रही एक महिला ने बताया कि उसका बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था। उसे सिर्फ बुखार था। आज सुबह एक रिश्तेदार से आग लगने की खबर मिली। अस्पताल से कोई जानकारी नहीं दी गई। सुबह से इधर-उधर भाग रहे हैं, लेकिन बच्चे की कोई जानकारी नहीं है।
अपने भाई के बच्चे को खोज रहे सुमित ने कहा कि 20 मई को मेरे भाई के बच्चे को न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हम पुलिस स्टेशन गए और बच्चे की जानकारी मांगी। उन्होंने हमें अस्पताल जाने के लिए कहा।
एक अन्य बच्चे के एक रिश्तेदार ने बताया कि कल हमने अपने बच्चे को देखा था। वे हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे। अब हमें उसकी कोई कोई जानकारी नहीं मिल रही है। DNA टेस्ट के बाद पहचान पाएंगे कि मृतकों में हमारा बच्चा था या नहीं।
लोगो ने बताया कि स्थानीय लोग और NGO शहीद सेवा दल के सदस्य मदद के लिए सबसे पहले आए थे। कुछ लोग हॉस्पिटल की बिल्डिंग पीछे गए और ऊपर चढ़कर बच्चों को एक-एक कर निकाला।
शहीद सेवा दल के एक सदस्य ने दावा किया कि आग लगते ही हॉस्पिटल के सभी स्टाफ बच्चों को छोड़कर भाग गए। पहला सिलेंडर फटकर बिल्डिंग के अंदर गया, जिससे आग लग गई। उसके बाद एक के बाद एक तीन और सिलेंडर ब्लास्ट हुए।
मुकेश बंसल नाम के एक स्थानीय ने बताया कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग का काम चलता था। पार्षद से इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यह सब पुलिस की नाक के नीचे हो रहा था। मुकेश पहले हॉस्पिटल के बगल में रहते थे। सिलेंडर रीफिलिंग के कारण वे दूसरी गली में रहने चले गए।
घटना के बाद अपने बच्चे की तलाश कर रही एक महिला ने बताया कि उसका बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था। उसे सिर्फ बुखार था। आज सुबह एक रिश्तेदार से आग लगने की खबर मिली। अस्पताल से कोई जानकारी नहीं दी गई। सुबह से इधर-उधर भाग रहे हैं, लेकिन बच्चे की कोई जानकारी नहीं है।
अपने भाई के बच्चे को खोज रहे सुमित ने कहा कि 20 मई को मेरे भाई के बच्चे को न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हम पुलिस स्टेशन गए और बच्चे की जानकारी मांगी। उन्होंने हमें अस्पताल जाने के लिए कहा।
एक अन्य बच्चे के एक रिश्तेदार ने बताया कि कल हमने अपने बच्चे को देखा था। वे हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे। अब हमें उसकी कोई कोई जानकारी नहीं मिल रही है। DNA टेस्ट के बाद पहचान पाएंगे कि मृतकों में हमारा बच्चा था या नहीं।