मल्लिकार्जुन खड़गे पर भड़क गईं निर्मला सीतारमण , भरी राजयसभा में सुनाया
आम बजट को लेकर संसद में जोरदार हंगामा हुआ. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे कुर्सी बचाने वाला बजट करार दिया. खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘इस बजट में ना तमिलनाडु को कुछ मिला, ना कर्नाटक, ना हरियाणा, ना राजस्थान, ना ओडिशा को कुछ मिला. किसी को खुश करने के लिए यह बजट है.’ खड़गे के इस आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भड़क गईं और बजट में राज्यों के नाम पर कांग्रेस को चुनौती देते हुए सवाल किया कि क्या आपने अपने सभी बजट भाषणों में सभी राज्यों का नाम लिया था?
विपक्ष का आरोप है कि इस बजट में केवल दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश को ही फंड दिया गया, जबकि बाकी राज्यों को कुछ खास नहीं मिला. वहीं सीतारमण ने इस आरोप को ‘अपमानजनक’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों को मन में यह धारणा गढ़ने की ‘जानबूझकर कोशिश’ कर रही है कि दूसरे राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है.
निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ‘आप अपना हर बजट भाषण हमें दिखाइए कि आपने अपने समय में हर राज्य का नाम लिया था. हमने अपने बजट भाषण में सभी राज्यों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने उन राज्यों के लिए बजट में कुछ नहीं रखा है.’
इसके साथ उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट ने वधावन में एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था, लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया. क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? अगर भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का लोगों को यह धारणा देने का एक जानबूझकर प्रयास है कि अन्य राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है. यह एक अपमानजनक आरोप है…’
वित्त मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि महाराष्ट्र को हमने 6000 करोड़ रुपये दिए, लेकिन भाषण में इसका जिक्र नहीं किया.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘बंगाल को 10 साल में कई योजनाएं दी गईं, लेकिन बंगाल ने केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया और अब वे मुझसे सवाल कर रहे हैं.’ निर्मला सीतारमण के इस आरोप पर बंगाल की सांसद भड़क गईं और फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया.
विपक्ष का आरोप है कि इस बजट में केवल दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश को ही फंड दिया गया, जबकि बाकी राज्यों को कुछ खास नहीं मिला. वहीं सीतारमण ने इस आरोप को ‘अपमानजनक’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों को मन में यह धारणा गढ़ने की ‘जानबूझकर कोशिश’ कर रही है कि दूसरे राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है.
निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ‘आप अपना हर बजट भाषण हमें दिखाइए कि आपने अपने समय में हर राज्य का नाम लिया था. हमने अपने बजट भाषण में सभी राज्यों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने उन राज्यों के लिए बजट में कुछ नहीं रखा है.’
इसके साथ उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट ने वधावन में एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था, लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया. क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? अगर भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का लोगों को यह धारणा देने का एक जानबूझकर प्रयास है कि अन्य राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है. यह एक अपमानजनक आरोप है…’
वित्त मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि महाराष्ट्र को हमने 6000 करोड़ रुपये दिए, लेकिन भाषण में इसका जिक्र नहीं किया.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘बंगाल को 10 साल में कई योजनाएं दी गईं, लेकिन बंगाल ने केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया और अब वे मुझसे सवाल कर रहे हैं.’ निर्मला सीतारमण के इस आरोप पर बंगाल की सांसद भड़क गईं और फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया.