रामबिलास शर्मा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर, युवक को हत्या के खिलाफ उकसाया

हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। याचिका में युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा आरोप लगाया कि 13 दिसंबर, 2024 को उनके बेटे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके पीछे रामबिलास शर्मा और उनके सहयोगियों का हाथ है। साथ ही खबर है कि अभी तक उन्होंने बेटे का संस्कार नहीं किया है। याचिकाकर्ता ने अफने बेटे के शव को महेंद्रगढ़ जिले के कनीना अस्पताल के शवगृह में रखवाया है साथ ही परिवार की मांग है कि शव का अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।
याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने शर्मा, उनके बेटे और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की है, जो कथित तौर पर उनके बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही मामले की जांच सीबीआई से भी करवाने की मांग भी की है.
याचिका के अनुसार शर्मा और उनके सहयोगियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष राजनीतिक व्यक्ति होने की अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके याचिकाकर्ता के परिवार को बहुत परेशान, अपमानित और धमकाया और याचिकाकर्ता को विभिन्न आपराधिक मामलों में झूठा फंसाया जिसके बाद ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि याचिकाकर्ता के बेटे के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा । याचिकाकर्ता के अनुसार, उनके बेटे मोहित (अब मृत) को पहले पोक्सो अधिनियम के तहत झूठा फंसाया गया था। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने से पहले उसे तीन महीने तक जेल में रखा गया था। यहां तक कि जेल के अंदर भी रामबिलास शर्मा के गुर्गों ने उनकी पिटाई की।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिले थे, जिन्होंने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन रामबिलास शर्मा के प्रभाव के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता के अनुसार अपने परिवार के साथ हो रहे अन्याय और दुर्व्यवहार को देखकर उसके बेटे ने छोटी उम्र में ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने दावा किया है कि 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे और वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपये दिए थे। दुर्भाग्यवश याचिकाकर्ता की फैक्ट्री प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने रामबिलास शर्मा से कुछ धनराशि वापस मांगी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया, जिसके कारण उनके बीच दुश्मनी पैदा हो गई।
याचिका के अनुसार, रामबिलास शर्मा की क्रूरता के कारण, इससे पहले याचिकाकर्ता की पत्नी ने डीडीटी पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन समय पर उपचार मिलने के कारण उसे बचा लिया गया था। पिछले साल अगस्त में ठीक होने के बाद दिए गए बयान में भी उसने रामबिलास शर्मा, उसके बेटे और उनके साथियों का नाम लिया था। लेकिन राज्य द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।