हरियाणा : फरीदाबाद में ट्यूशन से बचने के लिए बच्चो ने बनाई अपने अपहरण की कहानी , पुलिस भी हैरान
हरियाणा के फरीदाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के एनआईटी के एक एरिया मे चार बच्चों के अपहरण की सूचना मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस की आधा दर्जन टीम पूरे शहर में नाकाबंदी कर जांच पड़ताल में जुट गई। पुलिस ने दो बच्चों से जब बातचीत की तो पूरी कहानी का पता चला कि कैसे बच्चो ने ट्यूशन जाने से बचने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी बनाई । फिलहाल पुलिस ने बच्चों की काउंसलिंग कर परिजनों के हवाले कर दिया है।
एनआईटी के डीसीपी कुलदीप सिंह ने बताया कि बडोली गांव निवासी नरेश की एनआईटी एक नंबर में वर्कशॉप है। वह रोजाना अपने बेटे और भतीजे को स्कूल छोड़कर आते हैं और बच्चे स्कूल से छूटने के बाद वर्कशॉप पर पहुंचते हैं। उन्होंने सूचना दी कि शुक्रवार स्कूल छूटने के बाद उनके बेटे और भतीजे का किसी ने अपहरण कर लिया है। उनके साथ दो बच्चे और भी हैं। पुलिस की आधा दर्जन टीम एक्टिव हुई और नाकेबंदी कर पूरे शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच पड़ताल शुरू कर दी।
जांच में पता चला कि बच्चों ने अपने अपहरण की गलत सूचना दी थी, बच्चों ने अपना बैग टाउन पार्क में छुपा रखा था, जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया। यह सभी बच्चे एक निजी स्कूलों में तीसरी और पांचवी क्लास में पढ़ते हैं। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में नरेश के जब दोनों बच्चे वर्कशॉप पर नहीं पहुंचे, तो वह स्कूल पहुंच गए और बच्चों के बारे में जानकारी हासिल की।
स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्चे छुट्टी होने के बाद घर जा चुके हैं। इस बात की सूचना मिलने पर नरेश परेशान हो गए। कुछ देर बाद बच्चों ने किसी के मोबाइल फोन से फोन कर बताया कि एक वैन चालक ने उनका अपहरण कर लिया है। किसी तरह से उनके चंगुल से बचकर वह टाउन पार्क पहुंचे हैं। पुलिस का कहना है कि ट्यूशन पढ़ाने वाले टीचर को यह बच्चे पसंद नहीं करते थे इसलिए इन्होंने झूठी कहानी रची। फिलहाल, पुलिस ने बच्चों की काउंसलिंग कर परिजनों को हवाले कर दिया है।
एनआईटी के डीसीपी कुलदीप सिंह ने बताया कि बडोली गांव निवासी नरेश की एनआईटी एक नंबर में वर्कशॉप है। वह रोजाना अपने बेटे और भतीजे को स्कूल छोड़कर आते हैं और बच्चे स्कूल से छूटने के बाद वर्कशॉप पर पहुंचते हैं। उन्होंने सूचना दी कि शुक्रवार स्कूल छूटने के बाद उनके बेटे और भतीजे का किसी ने अपहरण कर लिया है। उनके साथ दो बच्चे और भी हैं। पुलिस की आधा दर्जन टीम एक्टिव हुई और नाकेबंदी कर पूरे शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच पड़ताल शुरू कर दी।
जांच में पता चला कि बच्चों ने अपने अपहरण की गलत सूचना दी थी, बच्चों ने अपना बैग टाउन पार्क में छुपा रखा था, जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया। यह सभी बच्चे एक निजी स्कूलों में तीसरी और पांचवी क्लास में पढ़ते हैं। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में नरेश के जब दोनों बच्चे वर्कशॉप पर नहीं पहुंचे, तो वह स्कूल पहुंच गए और बच्चों के बारे में जानकारी हासिल की।
स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्चे छुट्टी होने के बाद घर जा चुके हैं। इस बात की सूचना मिलने पर नरेश परेशान हो गए। कुछ देर बाद बच्चों ने किसी के मोबाइल फोन से फोन कर बताया कि एक वैन चालक ने उनका अपहरण कर लिया है। किसी तरह से उनके चंगुल से बचकर वह टाउन पार्क पहुंचे हैं। पुलिस का कहना है कि ट्यूशन पढ़ाने वाले टीचर को यह बच्चे पसंद नहीं करते थे इसलिए इन्होंने झूठी कहानी रची। फिलहाल, पुलिस ने बच्चों की काउंसलिंग कर परिजनों को हवाले कर दिया है।