हरियाणा में शिक्षा विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, देखिए

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी वार्षिक परीक्षा तथा डी.एल.एड. (रि-अपीयर) फरवरी/मार्च-2025 का आयोजन नकल रहित सुचारू रूप से करवाया जा रहा है।
बोर्ड सचिव डॉ० मुनीश नागपाल, ह.प्र.से. ने बताया कि ये परीक्षाएं 27 फरवरी से आरम्भ होकर 29 मार्च, 2025 तक चलेंगी। इन परीक्षाओं में 1434 परीक्षा केन्द्रों पर 5,17,448 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं। परीक्षाओं का समय दोपहर 12:30 बजे से सायं 03:30 बजे तक है। परीक्षा केन्द्रों पर प्रभावी निरीक्षण हेतु 227 उडऩदस्ते गठित किए गए। संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर 588 ऑब्जर्वर भी नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक जिले में बोर्ड से एक नोडल अधिकारी भी लगाया गया है, जो जिला प्रशासन से तालमेल करते हुए परीक्षा समाप्ति उपरान्त प्रतिदिन की रिपोर्ट बोर्ड मुख्यालय को कर रहे हैं।
बोर्ड सचिव ने सभी उडऩदस्तों को आदेश दिए की वह स्वयं परीक्षा केन्द्रों पर जाकर स्थिति का जायजा लें और बोर्ड परीक्षा बिना किसी अड़चन के संपूर्ण हो, इसको लेकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं होना सुनिश्चित करें। शिक्षा बोर्ड ने नकल रोकने एवं पेपर लीक के मामलों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा ड्यूटी में नियुक्त विभिन्न उडऩदस्तों को भी गड़बड़ी वाले परीक्षा केन्द्रों पर और अधिक सतर्कता दिखाते हुए तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बाह्य हस्तक्षेप रोकने के लिए सभी परीक्षा केन्द्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। बोर्ड परीक्षाओं की पवित्रता बनाए रखने और नकल रहित परीक्षाओं के संचालन के लिए पुलिस और प्रशासन गंभीरता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा नकल रोकने के लिए पुरजोर प्रयत्न किए जा रहे है। शिक्षा बोर्ड द्वारा अभी तक सैकेण्डरी कक्षा के विभिन्न विषयों के 04 दिनों व सीनियर सैकेण्डरी के विभिन्न स्ट्रीम के 05 दिनों में होने वाले पेपरों में अनुचित साधन के 344 केस बन चुके हैं व अभी तक बोर्ड ने 29 पर्यवेक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से कार्यभार मुक्त किया गया है। शिक्षा बोर्ड द्वारा अभी तक 09 परीक्षा केन्द्रों की परीक्षा रद्द की गई है। परीक्षा ड्यूटी में कौताही बरतने वालों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने हेतु शिक्षा विभाग को लिख दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों, उनके माता-पिता व अन्य नाते-रिश्तेदार को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज प्रतियोगिता का युग है और ऐसे वक्त में समाज में अपना स्थान बनाने के लिए योग्यता का होना परमावश्यक है। इसमें नकल काम नहीं करेगी, अकल ही असल मायने में लाभकारी रहेगी। उन्होंने पुरज़ोर अपील की है कि वे अपने बच्चों को सद्मार्ग पर चलना सिखाएं। उन्होंने कहा कि समाज में यह संदेश जाना चाहिए कि किसी भी सूरत में नकल नहीं होने दी जाएगी। परीक्षा की शुचिता को भंग करने वालो को सजा दी जाएगी।