ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के तहत टोल कलेक्शन सिस्टम हुआ लागू

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू हो गया है। देश में आज से GPS से टोल वसूली शुरू हो गई है। हरियाणा में इसका ट्रायल पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे 709 पर शुरू किया जा चुका है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को इसके बदले हुए नए नियम जारी किए। जिसमे GNSS से लैस प्राइवेट गाड़ियों से नेशनल हाईवे पर रोज 20 किमी की दूरी तक कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वे 20 किमी से ज्यादा जितनी दूरी तय करेंगे, उतनी ही दूरी का टोल वसूला जाएगा।
फायदा उन्हीं गाड़ियों को होगा, जो GNSS से लैस हैं। इनकी संख्या अभी कम हैं, इसलिए यह व्यवस्था फिलहाल हाइब्रिड मोड पर काम करेगी। यानी टोल वसूली कैश, फास्टैग और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन से भी जारी रहेगी।
GNSS से टोल वसूली के बेंगलुरु-मैसूर हाईवे (NH-275) और पानीपत-हिसार (NH-709) पर ट्रायल रन किए गए थे। इसके अलावा देश में फिलहाल कहीं भी GNSS के लिए डेडिकेटेड लेन नहीं है। वाहनों को GNSS वाला बनाने के लिए ऑन-बोर्ड यूनिट (ओबीयू) या ट्रैकिंग डिवाइस लगवाना होगा।