RO/ARO Paper Leak: UPPSC को सरकारी प्रेस के बावजूद निजी प्रेस पर भरोसा क्यों ? विद्यार्थियों ने किए सवाल

RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ (STF) ने खुलासा किया है कि पेपर भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। इससे पहले एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर भी प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने के आरोप लगे थे।
अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि प्रदेश में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद आयोग को निजी प्रिंटिंग प्रेस पर इतना भरोसा क्यों है? पेपरों की सुरक्षा को लेकर यह मांग पहले से उठती रही है कि भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छपवाए जाएं।
कई वर्षों पहले प्रयागराज की गवर्नमेंट प्रेस में प्रश्न पत्र छपवाए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया था लेकिन यह प्रस्ताव अनदेखा कर दिया गया और भर्ती संस्थाएं फिर भी अपने हिसाब से निजी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर छपवाती रहीं।
अब तो नीट में भी अहमदाबाद की निजी प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने की बात सामने आ रही है। पेपर लीक में निजी प्रिंटिंग प्रेसों की लिप्तता सामने आने के बावजूद इस विषय में कोई सुधार नहीं किया गया। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर क्यों नहीं छपवाए जाते, जबकि सरकार के सभी गोपनीय दस्तावेज इन्हीं सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में छपवाए जाते हैं।
पेपरों की गोपनीयता को लेकर निजी प्रिंटिंग प्रेसों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है और ऐसे में पेपर लीक जैसी घटनाओं में किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की सीधे तौर पर कोई जवाबदेही नहीं रह जाती है। इसी वजह से लगातार मांग की जा रही है कि पेपर सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में ही छपवाए जाएं, ताकि अफसरों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो सके।
यूपीपीएससी में परीक्षा नियंत्रक को छोड़कर कोई नहीं जानता कि प्रश्न पत्र किस प्रिंटिंग प्रेस में छपवाने के लिए भेजे जाते हैं। ऐसे में नकल माफिया संबंधित प्रिंटिंग प्रेसों तक कैसे पहुंच जा रहे हैं। आखिरी नकल माफिया तक यह सूचना किसके माध्यम से पहुंचाई जा रही है कि प्रश्न पत्र छपवाने के लिए कहां भेजे गए हैं।
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय एवं अन्य प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र केवल सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में ही छपवाए जाएं। साथ ही निजी एजेंसियों के माध्यम से परीक्षा न कराई जाए। परीक्षा के आयोजन के लिए अलग से सरकारी तंत्र विकसित किया जाए।