सिंगर शारदा सिन्हा का हुआ निधन; मल्टीपल मायलोमा से थी पीड़ित

5 नवंबर को मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में निधन हो गया है। वह 72 साल की थीं और मैथिली-भोजपुरी के साथ-साथ अपने छठ के गीतों के लिए जानी जाती थीं। अस्पताल की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सिंगर को सेप्टीसीमिया के कारण रिफ्रैक्टरी शॉक के चलते मौत हुई थी। दरअसल, शारदा सिन्हा पिछले महीने ही एम्स के कैंसर संस्थान में शिफ्ट की गई थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगर मल्टीपल मायलोमा नाम की बीमारी से जूझ रही थीं।
यह बीमारी एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। इस बीमारी में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और उन कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं, जिससे हड्डी, किडनी और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। यह अस्थि मज्जा का प्लाज्मा वाला कैंसर है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बढ़ती उम्र में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें व्हाइट ब्लड सेल्स प्रभावित होती हैं।
मल्टीपल मायलोमा के शुरुआती संकेतों में हड्डियों में दर्द, खासतौर पर रीढ़ की हड्डी और छाती में दर्द होता है। साथ ही थकावट, कमजोरी होना भी शामिल है। इसके अलावा, इम्यून सिस्टम वीक होने की वजह से बार-बार इंफेक्शन होना भी शामिल है। खून की कमी और प्लेटलेट काउंट कम होना भी इसके लक्षण हैं।
यह बीमारी एक प्रकार का ब्लड कैंसर है। इस बीमारी में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और उन कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं, जिससे हड्डी, किडनी और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। यह अस्थि मज्जा का प्लाज्मा वाला कैंसर है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बढ़ती उम्र में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें व्हाइट ब्लड सेल्स प्रभावित होती हैं।
मल्टीपल मायलोमा के शुरुआती संकेतों में हड्डियों में दर्द, खासतौर पर रीढ़ की हड्डी और छाती में दर्द होता है। साथ ही थकावट, कमजोरी होना भी शामिल है। इसके अलावा, इम्यून सिस्टम वीक होने की वजह से बार-बार इंफेक्शन होना भी शामिल है। खून की कमी और प्लेटलेट काउंट कम होना भी इसके लक्षण हैं।