पानीपत : शराब फैक्ट्री पर लगा 60 लाख का जुर्माना; प्रदूषण फैलाने व खेतों को नुकसान पहुंचाने पर लगा जुर्माना

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पानीपत : शराब फैक्ट्री पर लगा 60 लाख का जुर्माना; प्रदूषण फैलाने व खेतों को नुकसान पहुंचाने पर लगा जुर्माना

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव चुलकाना में स्थित शराब फैक्ट्री पर कार्रवाई की है। यूनिट के बगल से नाले में अनुपचारित अपशिष्ट छोड़ने कर प्रदूषण फैलाने व किसान के खेतों को नुकसान पहुंचाने पर शराब फैक्ट्री पर कुल 60 लाख रुपए का पर्यावरण मुआवजा लगाया है।
यूनिट ने पहले ही 6 अगस्त को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) को अंतरिम पर्यावरण मुआवजे के रूप में 27 लाख रुपए जमा करा दिए थे। एनजीटी ने एचएसपीसीबी को शराब फैक्ट्री पर 33.6 लाख रुपए का अतिरिक्त पर्यावरण मुआवजा लगाने और उससे वसूली करने का निर्देश दिया है।
इसने 27 लाख रुपए में से 5 लाख रुपए शिकायतकर्ता, जो चुलकाना गांव का किसान है, को देने का भी निर्देश दिया है। पर्यावरण अदालत ने एचएसपीसीबी को क्षेत्र में पर्यावरण के संरक्षण तथा सुधार के लिए 22 लाख रुपए की कार्ययोजना तैयार करने तथा उसे लागू करने का निर्देश दिया है।
चुलकाना गांव के किसान रमेश कुमार ने अनुपचारित अपशिष्ट छोड़े जाने के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। रमेश ने हरियाणा ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, समालखा में शराब निर्माण इकाई द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट, रसायन और गैसों के बारे में एचएसपीसीबी और एनजीटी से शिकायत की थी, जिससे उनकी फसलें नष्ट हो रही थीं। उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। शिकायत के बाद, एनजीटी ने फरवरी में एक संयुक्त समिति का गठन किया।
उसे इकाई की तथ्यात्मक ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता, पानीपत एसडीएम और एचएसपीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी की संयुक्त समिति ने 14 मार्च को इकाई का निरीक्षण किया और 28 मई को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी।
 एनजीटी ने शराब निर्माण इकाई से एकत्र नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर दिए गए सुझावों का अनुपालन करने का निर्देश दिया। संयुक्त टीम ने जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) और कुल घुलित ठोस (टीडीएस) को अनुमेय सीमाओं से अधिक पाया।
इसके अलावा, आईआईटी, दिल्ली की एक टीम ने भी इकाई का दौरा किया और तीसरे पक्ष के रूप में 4 जुलाई को निरीक्षण किया। बाद में, इकाई द्वारा सुझावों के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए अगस्त के अंत में एचएसपीसीबी द्वारा इकाई का निरीक्षण किया गया।
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