चंडीगढ़ : 10 एकड़ जमीन के लिए पंजाब-हरियाणा में टकराव; BJP-AAP में घमासान
10 एकड़ जमीन के लिए पंजाब और हरियाणा में घमासान छिड़ गया है. बीते तीन दिन से लगातार इस मामले पर दोनों राज्यों के नेताओं के बीच बयानबाजी हो रही है. पंजाब कह रहा है कि हरियाणा को चंडीगढ़ में एक इंच जमीन नहीं देंगे. वहीं, केंद्र सरकार ने हरियाणा के पक्ष में फैसले देते हुए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे दिया है.
चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार ने अपना अलग विधानसभा भवन बनाने के लिए जमीन मांगी थी. केंद्र सरकार ने हरियाणा की मांग को मान लिया और उसे चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन देने के लिए हामी भर दी. हरियाणा ने केंद्र से कहा था कि वह इसके बदले पंचकूलों में उसे जमीन देगा. अब पंजाब ने इसका विरोध जताया है. पंजाब सरकार ने मुखर रुख अख्तियार करते हुए राज्यपाल से मुलाकात की है. ऐसे में अब दोनों राज्य इस मुद्दे पर आमने सामने हो गए हैं.
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल लालचंद कटारिया से मुलाकात की और चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को लेकर एक मेमोरेंडम सौंपा. हरपाल सिंह चीमा ने मुलाकात के बाद बयान दिया कि चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार स्पष्ट है और हरियाणा की ओर से अपनी विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन की मांग गलत है. उन्होंने कहा, “अगर हरियाणा अपनी विधानसभा बनाना चाहता है, तो वह चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में इसे बना सकता है. इस तरह के फैसले चंडीगढ़ के सौंदर्य और इकोसिस्टम के लिए खतरा हो सकता है.”
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर कहा कि पंजाब से हमारी तीन मांगे हैं. हरियाणा के हक़ का पानी, पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को मिले और विधानसभा की मौजूदा बिल्डिंग को बढ़ाना चाहिए. केंद्र हरियाणा सरकार जमीन 12 एकड़ जमीन क्यों दे रहा है. हमारा 40% हिस्सा चंडीगढ़ में है. चंडीगढ़ में पंजाब हमारा हिस्सा दबाकर बैठा है. हालांकि, हुड्डा नया भवन नहीं, बल्कि पुराने भवन को ही बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.
इस विवाद में हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने फिर से चंडीगढ़ पर पंजाब की दावेदारी पर काउंटर प्रहार करते हुए कहा कि “उनको (पंजाब) गलतफहमी है, उन्हें पंजाब और हरियाणा का इतिहास मालूम नहीं है. चंडीगढ़ तभी पंजाब का हो सकता है, जब हिंदी भाषा क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित हो जाए तथा एसवाईएल का पानी मिल जाए, नहीं तो तब तक जितना उनका चंडीगढ़ है, उतना ही हमारा भी है.”
जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा में विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जाएगी. हालांकि, अब यह मामला पर्यावरण मंत्रालय को भी भेजा गया.
चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार ने अपना अलग विधानसभा भवन बनाने के लिए जमीन मांगी थी. केंद्र सरकार ने हरियाणा की मांग को मान लिया और उसे चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन देने के लिए हामी भर दी. हरियाणा ने केंद्र से कहा था कि वह इसके बदले पंचकूलों में उसे जमीन देगा. अब पंजाब ने इसका विरोध जताया है. पंजाब सरकार ने मुखर रुख अख्तियार करते हुए राज्यपाल से मुलाकात की है. ऐसे में अब दोनों राज्य इस मुद्दे पर आमने सामने हो गए हैं.
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल लालचंद कटारिया से मुलाकात की और चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को लेकर एक मेमोरेंडम सौंपा. हरपाल सिंह चीमा ने मुलाकात के बाद बयान दिया कि चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार स्पष्ट है और हरियाणा की ओर से अपनी विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में जमीन की मांग गलत है. उन्होंने कहा, “अगर हरियाणा अपनी विधानसभा बनाना चाहता है, तो वह चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में इसे बना सकता है. इस तरह के फैसले चंडीगढ़ के सौंदर्य और इकोसिस्टम के लिए खतरा हो सकता है.”
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर कहा कि पंजाब से हमारी तीन मांगे हैं. हरियाणा के हक़ का पानी, पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को मिले और विधानसभा की मौजूदा बिल्डिंग को बढ़ाना चाहिए. केंद्र हरियाणा सरकार जमीन 12 एकड़ जमीन क्यों दे रहा है. हमारा 40% हिस्सा चंडीगढ़ में है. चंडीगढ़ में पंजाब हमारा हिस्सा दबाकर बैठा है. हालांकि, हुड्डा नया भवन नहीं, बल्कि पुराने भवन को ही बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.
इस विवाद में हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने फिर से चंडीगढ़ पर पंजाब की दावेदारी पर काउंटर प्रहार करते हुए कहा कि “उनको (पंजाब) गलतफहमी है, उन्हें पंजाब और हरियाणा का इतिहास मालूम नहीं है. चंडीगढ़ तभी पंजाब का हो सकता है, जब हिंदी भाषा क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित हो जाए तथा एसवाईएल का पानी मिल जाए, नहीं तो तब तक जितना उनका चंडीगढ़ है, उतना ही हमारा भी है.”
जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा में विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जाएगी. हालांकि, अब यह मामला पर्यावरण मंत्रालय को भी भेजा गया.