Rohtak: त्योहारों से पहले जिला प्रशासन और दुकानदारों के बीच टकराव .....

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Rohtak: त्योहारों से पहले जिला प्रशासन और दुकानदारों के बीच टकराव .....

Rohtak: त्योहारों से पहले जिला प्रशासन और दुकानदारों के बीच टकराव .....


(K9 Media) रोहतक, त्योहारों से पहले जिला प्रशासन और दुकानदारों के बीच टकराव की स्थिति आखिर टल गई है। जिला प्रशासन ने अपनी शर्तों पर रेहड़ी-फड़ी लगाने की अनुमति दे दी है। इस बार अवैध रूप से रेहड़ी न लगने देने की चेतावनी के अगले दिन मंगलवार सुबह निगम टीम डी-पार्क से फड़ी हटाने पहुंची। रोष में आए फड़ी वालों ने सड़क के एक तरफ धरना दे दिया। उधर, मॉडल टाउन मार्केट एसोसिएशन ने भी दुकानें बंद कीं और व्यापारी डीसी से मिलने चले गए। उनकी अनुपस्थिति में एडीसी महेंद्र पाल ने बात सुनी, तहसीलदार और ट्रैफिक इंचार्ज को मौके पर भेजा। सभी पक्षों से बातचीत के बाद प्रशासन ने दुकानदारों को दिवाली तक सफेद पट्टी के अंदर एल-शेप में फड़ी लगाने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद दुकानें खुलीं और फड़ी वालों ने भी अपने स्टॉल सजाए।

मंगलवार सुबह निगम टीम पुलिस बल के साथ डी-पार्क पहुंची। फड़ी नहीं लगाने की चेतावनी देते हुए अपना सामान 15 मिनट में हटाने का अल्टीमेटम दिया। फड़ी संचालकों व दुकानदारों ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक के बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ तो फड़ी वालों ने धरना दे दिया और दुकानदारों ने इकट्ठा होकर उपायुक्त से मिलने का फैसला लिया। मॉडल टाउन ट्रेडर्स एसोसिएशन ने एडीसी महेंद्र पाल से बात की। जिसके बाद निगम तहसीलदार शिव कुमार को मौके पर भेजा गया। सभी पक्षों से बातचीत के बाद फैसला हुआ कि दिवाली तक सफेद पट्टी के अंदर स्थित सात फीट जगह में दुकानदार एल-शेप में फड़ी लगाएंगे। दूर लगी रेहड़ियों को समेट कर सफेद पट्टी के अंदर किया जाएगा। फिर करीब डेढ़ बजे दुकानें खुलीं और फड़ियां भी सजना शुरू हो गईं।

देर से लिया फैसला
मॉडल टाउन ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान अजय धनखड़ ने कहा कि त्योहार पर प्रशासन ने हमें मारने का काम किया है। दिवाली के पांच दिन शेष हैं। प्रशासन अब रेहड़ी-फड़ी के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, यह अन्याय है। लोगों ने रुपये उधार लेकर फड़ी लगाने के लिए माल खरीदा है। यह माल नहीं बिका तो कर्ज उतारना मुश्किल हो जाएगा। प्रशासन फड़ी नहीं लगवाना चाहता था तो इस संबंध में पहले ही सूचित किया जाना चाहिए था। अचानक नगर निगम व पुलिस टीम का इस तरह आना और सामान हटवाना गलत है। इससे व्यापारियों की मुश्किल बढ़ जाएगी। लोग पहले ही कोरोना से बेहाल हैं। अब कुछ राहत की उम्मीद थी, वह भी चली जाएगी। प्रशासन सिर्फ यहीं कार्रवाई कर रहा है। जबकि किला रोड, रेलवे बाजार व अन्य किसी भी बाजार में कोई अभियान नहीं चलाया गया। इस मौके पर अनिल बुधवार, गुलशन निझावन, राजेश लूंबा टीनू भी मौजूद रहे।

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