हरियाणा : 11 युवको ने विदेश में ट्रेनिंग लेकर एक झटके में कमाए 70 करोड़ रुपये; अब पुलिस की गिरफ्त में
चीन में बैठकर भारतीयों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी के जरिए कमाई करने वाले एक चाइनीज गिरोह के हैंडलर सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पलवल पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 4 लग्जरी गाड़ियां और 400 मोबाइल सिम, 31 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, आठ चेक बुक और 9 लाख नकद बरामद किए. आरोपी अब तक पूरे देश में 70 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके है.
पलवल पुलिस के डीएसपी विशाल कुमार ने बताया कि 23 अक्टूबर को न्यू कॉलोनी पलवल के रहने वाले अनिल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सीबीआई अधिकारी बनकर उसे मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया गया. इस दौरान 72 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट रखा गया. साथ ही जांच के बहाने 88 लाख रुपये उसके खाते से ट्रांसफर करवा लिए गए. शिकायत मिलने के बाद पलवल पुलिस ने जांच शुरू की. पलवल पुलिस जैसे-जैसे इस मामले में आगे बढ़ रही थी, वैसे ही इसके तार पूरे देश में फैलते गए. अब जांच के दौरान पलवल पुलिस ने अलग-अलग जगह से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच के दौरान पता चला कि यह सब लोग एक चाइनीज गिरोह के लिए काम करते हैं.
इस गिरोह के मास्टरमाइंड चीन में बैठकर अपने हैंडलरो के जरिए रैकेट चला रहे थे. चीन में बैठकर भारत के लोगों का पैसा भारत के लोगों के हाथों ही लुटवाया जा रहा था. इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि चाइनीज नागरिक भारत से भारतीय नागरिकों को नौकरी लगवाने के बहाने से ठगी करके कंबोडिया भेजते थे और यहां पर उन्हें ठगी करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. जांच में सामने आया है कि देश भर के अलग-अलग राज्यों में एनसीआर पोर्टल पर इस तरह की 100 शिकायत और केस दर्ज मिले हैं. गिरफ्तार 11 आरोपियों में से चार को जेल भेजा जा चुका है, जबकि सात आरोपियों का पुलिस रिमांड जारी है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच लगातार जारी है और आगे इसमें और भी लोगों के शामिल होने की संभावनाएं हैं.
इन लोगों को ठगी करने के लिए चीन से कमांड मिलती थी. इसके बाद फोन कॉल के माध्यम से नकली सीबीआई अधिकारी या जीएसटी अधिकारी बनकर पीड़ित को जेल का भय दिखाया जाता और डर दिखाकर खाते से पैसे ट्रांसफर कराये जाते थे. पीड़ित के खाते से जो पैसे ट्रांसफर कराए जाते, वह भी फर्जी होता था और उसे केवल ठगी के लिए खोला जाता था. भारत में बैठे हैंडलर के माध्यम से यह पूरा ऑपरेशन कवर होता था. इसके बाद कंबोडिया, वियतनाम जैसे कई देशों में इस पैसे को निकाल लिया जाता था. पुलिस अब तमाम फोन, सिम कार्ड और खातों की जांच पड़ताल कर रही है.
पलवल पुलिस के डीएसपी विशाल कुमार ने बताया कि 23 अक्टूबर को न्यू कॉलोनी पलवल के रहने वाले अनिल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सीबीआई अधिकारी बनकर उसे मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया गया. इस दौरान 72 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट रखा गया. साथ ही जांच के बहाने 88 लाख रुपये उसके खाते से ट्रांसफर करवा लिए गए. शिकायत मिलने के बाद पलवल पुलिस ने जांच शुरू की. पलवल पुलिस जैसे-जैसे इस मामले में आगे बढ़ रही थी, वैसे ही इसके तार पूरे देश में फैलते गए. अब जांच के दौरान पलवल पुलिस ने अलग-अलग जगह से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच के दौरान पता चला कि यह सब लोग एक चाइनीज गिरोह के लिए काम करते हैं.
इस गिरोह के मास्टरमाइंड चीन में बैठकर अपने हैंडलरो के जरिए रैकेट चला रहे थे. चीन में बैठकर भारत के लोगों का पैसा भारत के लोगों के हाथों ही लुटवाया जा रहा था. इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि चाइनीज नागरिक भारत से भारतीय नागरिकों को नौकरी लगवाने के बहाने से ठगी करके कंबोडिया भेजते थे और यहां पर उन्हें ठगी करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. जांच में सामने आया है कि देश भर के अलग-अलग राज्यों में एनसीआर पोर्टल पर इस तरह की 100 शिकायत और केस दर्ज मिले हैं. गिरफ्तार 11 आरोपियों में से चार को जेल भेजा जा चुका है, जबकि सात आरोपियों का पुलिस रिमांड जारी है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच लगातार जारी है और आगे इसमें और भी लोगों के शामिल होने की संभावनाएं हैं.
इन लोगों को ठगी करने के लिए चीन से कमांड मिलती थी. इसके बाद फोन कॉल के माध्यम से नकली सीबीआई अधिकारी या जीएसटी अधिकारी बनकर पीड़ित को जेल का भय दिखाया जाता और डर दिखाकर खाते से पैसे ट्रांसफर कराये जाते थे. पीड़ित के खाते से जो पैसे ट्रांसफर कराए जाते, वह भी फर्जी होता था और उसे केवल ठगी के लिए खोला जाता था. भारत में बैठे हैंडलर के माध्यम से यह पूरा ऑपरेशन कवर होता था. इसके बाद कंबोडिया, वियतनाम जैसे कई देशों में इस पैसे को निकाल लिया जाता था. पुलिस अब तमाम फोन, सिम कार्ड और खातों की जांच पड़ताल कर रही है.