रोहतक : किसानों ने CM सैनी को भेजा ज्ञापन; मुआवजा जारी करने की मांग

किसान सभा राज्य महासचिव सुमित सिंह ने कहा कि साल 2022 का गेहूं का फसल खराब होने का कई गांवों का मुआवजा बकाया है। जिसे सभी किसानों के खातों में पूरा नहीं डाला गया। पहले लोकसभा चुनाव, बाद में विधानसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते साल 2022 की पूरी मुआवजा राशि वितरित नहीं हो पाई।
इसी प्रकार रबी 2023 मुआवजा भी राजस्व विभाग ने स्वीकृत नहीं किया है। जिसके चलते रोहतक के दो दर्जन गावों के किसान 20 करोड़ की राशि का मुआवजा पाने से वंचित है। रबी 2024 का बीमा क्लेम भी बकाया है। इस बार जो खाद किसान को कॉपरेटिव सोसायटी से उधार में मिल जाती थी, उसके लिए भुगतान करना पड़ रहा है। किसान सभा ने पहले की व्यवस्था की भांति खाद देने की मांग दोहराई है।
किसान सभा रोहतक ने पराली के मुद्दे पर भी एक मांग पत्र जिला उपायुक्त को सौंपा। जिसके माध्यम से प्रदूषण का सारा दोष किसानों के सिर डालने का विरोध किया गया। कहा कि, केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 की चिट्ठी में प्रदूषण के कानून की धारा 14 ओर 15 में किसानों को क्रिमिनल लाइबिलिटी से बाहर रखने की मांग स्वीकार की थी, लेकिन अब प्रदेश में पराली जलाने के नाम पर धड़ल्ले से किसानों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। जबकि सरकार पराली के प्रबंधन की व्यवस्था करवाने में पूरी तरह फेल है।
किसानों को पराली निकालने के लिए जो अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है, सरकार उसे वहन करे। पराली प्रबंधन के लिए जो साधन चाहिए वो किसानों को उपलब्ध करवाएं। दर्ज किए गए मुकदमे खारिज करे अन्यथा किसानों को सड़कों पर आना पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल में जिला प्रधान प्रीत सिंह, अशोक राठी, ओमप्रकाश कादियान, सुनील मलिक आदि शामिल रहे।