करनाल : असंध नगर पालिका के चेयरमैन को HC ने किया अयोग्य घोषित; फर्जी DMC पर लगाई थी RTI
नगरपालिका असंध के चेयरमैन सतीश कटारिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया है। आरोप है कि नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए कटारिया ने 10वीं कक्षा की फर्जी डीएमसी का इस्तेमाल किया था। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सोनिया बोहत ने फर्जी डीएमसी को लेकर आरटीआई लगाई थी, जिसमें फर्जी डीएमसी होने का खुलासा हुआ।
वकील सोनिया बोहत ने दावा किया कि सतीश कटारिया ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ा जो नगरपालिका के नियमों और चुनाव आयोग के साथ धोखा था। चार नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल जिरह हुई। जिसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए चेयरमैन सतीश कटारिया को अयोग्य घोषित कर दिया।
असंध नगर पालिका का चुनाव 19 जून 2022 को हुआ था, जिसका परिणाम 22 जून 2022 को घोषित किया गया था। इसमें सतीश कटारिया को 553 मतों से विजयी घोषित किया गया था। सोनिया बोहत का कहना था कि जब कटारिया नामांकन दाखिल कर रहे थे, तभी उनकी नजर कटारिया के डीएमसी पर पड़ गई थी। जब उन्होंने आरटीआई से डीएमसी के जानकारी मांगी तो शक की पुष्टि हो गई। उन्हें चुनाव आयोग से 10 अप्रैल 2023 को ही टर्मिनेट कर दिया था लेकिन उन्होंने टर्मिनेशन के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर स्थगनादेश के कारण ही वह अब पद पर बने हुए हैं।
सतीश कटारिया का पक्ष तो नहीं मिल पाया लेकिन निकटस्थ लोगों को कहना है कि उन्होंने कोई फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल नहीं किए हैं। अभी आदेश की प्रति नहीं मिली है, प्रति मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे अभी खुले हुए हैं। इधर, नपा सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आर्डर की कॉपी अभी तक मिली नहीं है। इसलिए अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
वकील सोनिया बोहत ने दावा किया कि सतीश कटारिया ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ा जो नगरपालिका के नियमों और चुनाव आयोग के साथ धोखा था। चार नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल जिरह हुई। जिसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए चेयरमैन सतीश कटारिया को अयोग्य घोषित कर दिया।
असंध नगर पालिका का चुनाव 19 जून 2022 को हुआ था, जिसका परिणाम 22 जून 2022 को घोषित किया गया था। इसमें सतीश कटारिया को 553 मतों से विजयी घोषित किया गया था। सोनिया बोहत का कहना था कि जब कटारिया नामांकन दाखिल कर रहे थे, तभी उनकी नजर कटारिया के डीएमसी पर पड़ गई थी। जब उन्होंने आरटीआई से डीएमसी के जानकारी मांगी तो शक की पुष्टि हो गई। उन्हें चुनाव आयोग से 10 अप्रैल 2023 को ही टर्मिनेट कर दिया था लेकिन उन्होंने टर्मिनेशन के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर स्थगनादेश के कारण ही वह अब पद पर बने हुए हैं।
सतीश कटारिया का पक्ष तो नहीं मिल पाया लेकिन निकटस्थ लोगों को कहना है कि उन्होंने कोई फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल नहीं किए हैं। अभी आदेश की प्रति नहीं मिली है, प्रति मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे अभी खुले हुए हैं। इधर, नपा सचिव प्रदीप कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आर्डर की कॉपी अभी तक मिली नहीं है। इसलिए अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है।