फरीदाबाद : BK अस्पताल में डॉक्टरों ने की लापरवाही; स्ट्रेचर पर तड़पता रहा मरीज- ना भर्ती किया, ना रेफर
फरीदाबाद जिले की बादशाह खान सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण घायल मरीज की जान चली गई। घटना बीते मंगलवार की है। जब घायल को इलाज के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में लाया गया था।
करीब 12 घंटे तक स्ट्रेचर पर रहने के बावजूद किसी भी डॉक्टर ने उसे इलाज के लिए ना तो भर्ती किया और ना ही उसे अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया। आपातकालीन वार्ड के स्ट्रेचर पर ही घायल ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
मृतक की पत्नी कुसुम लता ने बताया की उसके पति दिनेश चंद्र, जो की दिल्ली के कपासेडा में रह रहे थे। वह अपनी मां के पास फरीदाबाद के गांव भूपानी में आई हुई थी और फरीदाबाद में ही एक दुकान लगा रही थी। इसी के चलते वह पिछले कई दिनों से फरीदाबाद में ही थी।
कुसुम लता के मुताबिक बीते कल सुबह उसे फोन आया कि दिनेश बाथरुम में फिसल कर गिर गए हैं। जिसकी आंखों में चोट लगी है। उसके बाद वह साकेत गई और दिनेश का प्राथमिक इलाज करा कर फरीदाबाद के बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में लेकर आई। जहां पर डॉक्टर ने उसे बादशाह खान अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
कुसुम के मुताबिक बादशाह खान अस्पताल में वह बीते मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे आ गई थी। लेकिन उसके पति दिनेश को डॉक्टर ने कार्ड पर ही रखा और केवल एक ग्लूकोस उसे लगाई गई। सुबह से लेकर शाम तक डॉक्टर ने ना तो उसके पति दिनेश को भर्ती किया और ना ही उन्हें रेफर किया। इसके चलते रात लगभग 9 बजे उसके पति ने दम तोड़ दिया।
फिलहाल इस मामले में कुसुम लता और उसकी मां वीरवती ने अस्पताल के डॉक्टरों को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिनेश को काफी गहरी चोटें थी फिर भी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें ना तो इलाज लिए भर्ती किया और ना ही उन्हें दिल्ली के सफदरजंग इलाज के लिए रेफर किया।
इस मामले में जब बादशाह खान सिविल अस्पताल के RMO डॉक्टर रोहित गॉड से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। इस मामले की जानकारी जुटाने के बाद ही वह कुछ स्पष्ट रूप से कुछ कह और बता पाएंगे।
करीब 12 घंटे तक स्ट्रेचर पर रहने के बावजूद किसी भी डॉक्टर ने उसे इलाज के लिए ना तो भर्ती किया और ना ही उसे अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया। आपातकालीन वार्ड के स्ट्रेचर पर ही घायल ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
मृतक की पत्नी कुसुम लता ने बताया की उसके पति दिनेश चंद्र, जो की दिल्ली के कपासेडा में रह रहे थे। वह अपनी मां के पास फरीदाबाद के गांव भूपानी में आई हुई थी और फरीदाबाद में ही एक दुकान लगा रही थी। इसी के चलते वह पिछले कई दिनों से फरीदाबाद में ही थी।
कुसुम लता के मुताबिक बीते कल सुबह उसे फोन आया कि दिनेश बाथरुम में फिसल कर गिर गए हैं। जिसकी आंखों में चोट लगी है। उसके बाद वह साकेत गई और दिनेश का प्राथमिक इलाज करा कर फरीदाबाद के बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में लेकर आई। जहां पर डॉक्टर ने उसे बादशाह खान अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
कुसुम के मुताबिक बादशाह खान अस्पताल में वह बीते मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे आ गई थी। लेकिन उसके पति दिनेश को डॉक्टर ने कार्ड पर ही रखा और केवल एक ग्लूकोस उसे लगाई गई। सुबह से लेकर शाम तक डॉक्टर ने ना तो उसके पति दिनेश को भर्ती किया और ना ही उन्हें रेफर किया। इसके चलते रात लगभग 9 बजे उसके पति ने दम तोड़ दिया।
फिलहाल इस मामले में कुसुम लता और उसकी मां वीरवती ने अस्पताल के डॉक्टरों को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिनेश को काफी गहरी चोटें थी फिर भी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें ना तो इलाज लिए भर्ती किया और ना ही उन्हें दिल्ली के सफदरजंग इलाज के लिए रेफर किया।
इस मामले में जब बादशाह खान सिविल अस्पताल के RMO डॉक्टर रोहित गॉड से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। इस मामले की जानकारी जुटाने के बाद ही वह कुछ स्पष्ट रूप से कुछ कह और बता पाएंगे।