हिसार : 68 महीनो में ROB और RUB बनकर तैयार; CM सैनी करेंगे उद्घाटन

फरवरी 2019 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को नवंबर 2021 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित था। मगर लॉकडाउन व बिजली लाइनों की देरी से शिफ्टिंग के कारण समय अवधि 9 माह और बढ़ाकर अगस्त 2022 कर दी गई थी। वहीं अगस्त 2019 में रेलवे की एजेंसी को टेंडर अलॉट होने के बाद भी ड्राइंग पास न होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका। सितंबर 2019 में रेलवे के हिस्से की ड्राइंग मंजूर हुई, जिसके बाद दिसंबर 2019 में काम शुरू हुआ। टेंडर की शर्त के अनुसार एजेंसी को डेढ़ साल में अपने हिस्से का काम पूरा करना है। इस हिसाब से यह प्रोजेक्ट इस साल मई 2024 तक पूरा करना था, लेकिन नहीं सका तो समयावधि बढ़ाकर अगस्त कर दी गई थी। मगर इस डेडलाइन के भी पूरा होने व काम अधूरा रहने पर नई डेडलाइन 31 अक्तूबर कर दी गई थी।
शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की लागत 59.66 करोड़ थी, जो बाद में बढ़कर 79.4 करोड़ रुपये हो गई। अधिकारियों की मानें तो शुरुआत में बनाई गई आरओबी की ड्राइंग में रेलवे के हिस्से में भी सिंगल पिलर ही डिजाइन किए गए थे। मगर बाद में ड्राइंग में बदलाव कर सिंगल के बजाय डबल पिलर कर दिए गए। शुरुआत में जो एस्टीमेट मंजूर किए गए थे, वह पुरानी ड्राइंग के हिसाब से ही थे। पिलर की संख्या बढ़ने से पाइल की संख्या भी बढ़ गई, जिससे खर्च भी बढ़ गया।
निर्माण कार्य में देरी व लागत बढ़ने के अलावा भी यह प्रोजेक्ट काफी विवादों में रहा। निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाते हुए काफी हंगामा किया था कि आरयूबी (अंडरपास) सीधा नहीं बनाया गया और इस कारण यहां हादसे की संभावना रहेगी। इस पर अधिकारियों का तर्क था कि पिलर डिजाइन में हुए बदलाव के कारण अंडरपास की अलाइनमेंट में थोड़ा सा बदलाव आया है। हालांकि बाद में अधिकारियों ने लोगों को संतुष्ट कर दिया था कि डिजाइन के कारण अंडरपास में हादसे नहीं होंगे। इसके अलावा गार्डर रखने के दौरान अचानक कई टन वजनी क्रेन पलट गई थी। गनीमत यह रही कि इस दौरान किसी जान की हानि नहीं हुई।
यह शहर का सबसे लंबा आरओबी है। इसकी लंबाई 1185 मीटर है। इस आरओबी व आरयूबी के बनने से सूर्य नगर, अर्बन एस्टेट, विद्युत नगर, शिव कॉलोनी, सेक्टर 3-5, सेक्टर 1-4 सहित महावीर कॉलोनी, मिल गेट एरिया के लोगों को काफी फायदा होगा।