बहादुरगढ़ : परिवार ने दी अनूठी मिशाल; बेटे को घोड़े पर भेजा पहली बार स्कूल
बहादुरगढ़ में शिक्षा के प्रति सकारात्मक संदेश देने के लिए एक परिवार ने अनूठी मिसाल पेश की है. इस परिवार ने पहली बार पढ़ाई करने जा रहे अपने बच्चे को घोड़ी पर बैठाकर स्कूल भेजा. इस कदम के जरिये परिवार ने अपने बेटे के स्कूल के पहले दिन को तो यादगार बनाया ही वहीं समाज में भी एक प्रेरक संदेश दिया है. नन्हे से बच्चे को घोड़ी पर बैठकर स्कूल जाता देख लोग हैरत में जरूर पड़े. लेकिन परिवार की इस मुहिम को भी लोगो ने खूब सराहा है.
यह परिवार बहादुरगढ़ के दयानंद नगर में रहता है. बच्चे के पिता विवेक और मां अंजलि सहित परिवार के सारे सदस्य खुशी से झूम रहे हैं. विवेक आयुर्वेदिक दवा बेचते हैं. अपने बेटे के स्कूल के पहले दिन को यादगार बनाने के लिए इन्होंने शुरू से ही मन बना रखा था. जैसे ही यह दिन आया तो इन्होंने घोड़ी, ढोल-बाजे आदि का इंतजाम किया. पूरे उत्साह के साथ नाचते, गाते अपने बेटे अनमोल साहेब को नजफगढ़ रोड स्थित लिटिल फ्लावर प्ले स्कूल तक ले गए.
वहां भी कार्यक्रम कर खुशी का इजहार किया. स्कूल में पहुंचने पर अनमोल साहेब का जोरदार स्वागत हुआ. पिता विवेक का कहना है कि जब हमें जॉब लगती है, प्रमोशन होता है या रिटायरमेंट होती है तो हम खुशी में पार्टी मनाते हैं. इंसान की सफलता का आधार उसके स्कूल से बनता है. यदि नींव अच्छी है तो इमारत भी बेहतर बनेगी. लिहाजा जिस दिन बच्चा पहली बार स्कूल जाए तो हमें वह पल यादगार बनाना चाहिए ताकि बच्चे को पहले ही दिन से मोटिवेशन मिले और वह उत्साह के साथ आगे बढ़ सके. हमारा संदेश यही है कि शिक्षा के बिना कुछ नहीं है. समाज में सभी लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए. अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजना चाहिए.
यह परिवार बहादुरगढ़ के दयानंद नगर में रहता है. बच्चे के पिता विवेक और मां अंजलि सहित परिवार के सारे सदस्य खुशी से झूम रहे हैं. विवेक आयुर्वेदिक दवा बेचते हैं. अपने बेटे के स्कूल के पहले दिन को यादगार बनाने के लिए इन्होंने शुरू से ही मन बना रखा था. जैसे ही यह दिन आया तो इन्होंने घोड़ी, ढोल-बाजे आदि का इंतजाम किया. पूरे उत्साह के साथ नाचते, गाते अपने बेटे अनमोल साहेब को नजफगढ़ रोड स्थित लिटिल फ्लावर प्ले स्कूल तक ले गए.
वहां भी कार्यक्रम कर खुशी का इजहार किया. स्कूल में पहुंचने पर अनमोल साहेब का जोरदार स्वागत हुआ. पिता विवेक का कहना है कि जब हमें जॉब लगती है, प्रमोशन होता है या रिटायरमेंट होती है तो हम खुशी में पार्टी मनाते हैं. इंसान की सफलता का आधार उसके स्कूल से बनता है. यदि नींव अच्छी है तो इमारत भी बेहतर बनेगी. लिहाजा जिस दिन बच्चा पहली बार स्कूल जाए तो हमें वह पल यादगार बनाना चाहिए ताकि बच्चे को पहले ही दिन से मोटिवेशन मिले और वह उत्साह के साथ आगे बढ़ सके. हमारा संदेश यही है कि शिक्षा के बिना कुछ नहीं है. समाज में सभी लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए. अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजना चाहिए.