पद्म पुरस्कार विजेताओं की पहली लिस्ट जारी; जाने हरियाणा के कितने नाम शामिल

केंद्र सरकार ने शनिवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार विजेताओं की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कई गुमनाम नायक शामिल हैं। जिसमें सौ वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, नोकलाक का एक फल किसान और एक पैरालिंपियन, सहित अन्य पुरस्कार पाने वालों में हरियाणा के कैथल से पैरा-तीरंदाज हरविंदर सिंह भी शामिल हैं, जिन्हें ‘कैथल का एकलव्य’ के नाम से जाना जाता है। वह 2024 पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
हर साल की तरह इस साल भी पद्म पुरस्कार तीन कैटेगरी में दिए गए- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री. जिनमें से सात लोगों को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जिसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार माना जाता है। वहीं 19 हस्तियों को को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और 113 को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। ये सम्मान कला, विज्ञान, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, खेल, जैसे क्षेत्रों में दिए जाते हैं।
President Droupadi Murmu has approved the conferment of 139 Padma Awards, including one duo case (a duo case is counted as one award).
— IANS (@ians_india) January 25, 2025
The list comprises 7 Padma Vibhushan, 19 Padma Bhushan and 113 Padma Shri Awards. 23 of the awardees are women and the list also includes 10… pic.twitter.com/yRuITKk4Sc
राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें एक जोड़ी भी शामिल है। इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। इस सूची में 10 विदेशी और 13 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं। डॉक्टर नीरजा भटला, भीम सिंह भावेश, पी दत्ताचनमूर्ति और एल हंगथिंग को पद्म श्री से नवाजा जाएगा। डॉक्टर नीरजा भटला दिल्ली की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। वे सर्वाइकल कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज में माहिर हैं। उन्हें उनके इसी काम के लिए पद्म श्री मिल रहा है।
भीम सिंह भावेश भोजपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले 22 सालों से वे 'नई आशा' नाम के अपने संगठन के जरिए मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। मुसहर समुदाय, समाज के सबसे हाशिये पर रहने वाले समूहों में से एक है। इसके लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। पी दत्ताचनमूर्ति एक वाद्य यंत्र विशेषज्ञ हैं। वे थाविल बजाते हैं, जो दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र है। उन्हें इस क्षेत्र में 5 दशकों से भी ज़्यादा का अनुभव है।
एल हंगथिंग नागालैंड के नोकलक से एक फल किसान हैं। उन्हें गैर-देशी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। ये सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में अद्भुत काम कर रहे हैं। इनके काम से समाज को बहुत फायदा हुआ है। पद्म पुरस्कारों से इनके काम को पहचान मिलेगा और लोग इनसे प्रेरणा ले सकेंगे।